शैतान को प्रतीकात्मक रूप से पत्थर मारने और काबा के अंतिम चक्कर के साथ हजयात्रा पूरी करेंगे जायरीन

शैतान को प्रतीकात्मक रूप से पत्थर मारने और काबा के अंतिम चक्कर के साथ हजयात्रा पूरी करेंगे जायरीन

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  • Publish Date - June 18, 2024 / 05:56 PM IST,
    Updated On - June 18, 2024 / 05:56 PM IST

मीना, 18 जून (एपी) भीषण गर्मी के बीच मुस्लिम जायरीन शैतान को प्रतीकात्मक रूप से पत्थर मारने के तीसरे दिन और मक्का शहर में इस्लाम के सबसे पवित्र स्थल काबा के चारों ओर अंतिम चक्कर के साथ मंगलवार को हजयात्रा का समापन करेंगे।

मक्का के बाहर एक रेगिस्तानी स्थल मीना में तीन दिवसीय पत्थर मारने की रस्म हज की अंतिम रस्मों में से एक है। यह रस्म बुराई और पाप को दूर भगाने का प्रतीक भी है। इसकी शुरुआत शनिवार को माउंट अराफात नामक एक पवित्र पहाड़ी पर एकत्र होने के एक दिन बाद हुई।

यमन के एक हजयात्री मुजाहिद अल-मेहराबी ने पत्थर मारने की रस्म के तीसरे दिन के बाद कहा, ‘मैं निश्चिंत हूं। मैं सहज महसूस कर रहा हूं। जो कोई भी मक्का मस्जिद जा सकता है, उसे जाना चाहिए।’

सऊदी नेशनल सेंटर फॉर मेट्रोलॉजी के अनुसार, मंगलवार को भी चिलचिलाती धूप और भीषण गर्मी जारी रही, और मक्का और शहर के आसपास के पवित्र स्थलों में तापमान 47 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की उम्मीद है।

कई हजयात्री, विशेष रूप से बुजुर्ग, गर्मी के कारण बेहोश हो गए और उन्हें चिकित्सा सहायता की आवश्यकता पड़ी। जॉर्डन के 14 लोगों सहित सैकड़ों व्यक्तियों की मौत होने की सूचना है।

प्रतीकात्मक पत्थर मारने के बाद, तीर्थयात्री मक्का की ओर जाते हैं और ‘तवाफ़’ करते हैं, या मस्जिद में काबा के चारों ओर सात बार चक्कर लगाते हैं। यह हज के समापन का प्रतीक होता है। हज के समापन के बाद, पुरुषों से अपना सिर मुंडवाने की अपेक्षा की जाती है।

एपी अमित पवनेश

पवनेश