फलस्तीन के प्रतिद्वंद्वी समूह लंबे समय से जारी आपसी मतभेदों को खत्म करने के लिए हुए सहमत

फलस्तीन के प्रतिद्वंद्वी समूह लंबे समय से जारी आपसी मतभेदों को खत्म करने के लिए हुए सहमत

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  • Publish Date - July 23, 2024 / 07:54 PM IST,
    Updated On - July 23, 2024 / 07:54 PM IST

(केजेएम वर्मा)

बीजिंग, 23 जुलाई (भाषा) गाजा में युद्ध के बीच एकजुटता प्रदर्शित करते हुए फतह और हमास सहित 14 फलस्तीनी समूहों ने मंगलवार को चीन की मध्यस्थता में हुई एक बैठक में, आपसी मतभेदों को खत्म करने और फलस्तीनी एकजुटता को मजबूत करने के लिए संयुक्त रूप से संकल्प लिया।

चीन के विदेश मंत्रालय ने पिछले तीन दिन प्रतिद्वंद्वी गुटों के बीच बातचीत का समन्वय किया। मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि यह घोषणा इजराइली हमलों से त्रस्त गाजा पट्टी में ‘‘व्यापक, टिकाऊ और सतत युद्धविराम’’ को बढ़ावा देने की दिशा में पहला कदम है।

चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने इन गुटों के नेताओं से मुलाकात की और कहा कि समझौते पर हस्ताक्षर ‘‘फलस्तीन मुद्दे के लिए एक महत्वपूर्ण, ऐतिहासिक क्षण’’ है।

उन्होंने कहा कि समझौते के तहत प्रतिद्वंद्वी समूह युद्ध के बाद गाजा पर शासन करने के लिए एक ‘‘अंतरिम राष्ट्रीय सुलह सरकार’’ बनाने पर सहमत हुए हैं।

इस समझौते का उद्देश्य इजराइल के साथ संघर्ष में फलस्तीनियों को एकजुट करना है। इजराइल ने पिछले साल अक्टूबर में 200 से अधिक इजराइली बंधकों के अपहरण के बाद गाजा में हमास के खिलाफ युद्ध शुरू किया था।

हस्ताक्षरकर्ताओं में हमास के वरिष्ठ अधिकारी मूसा अबू मरज़ूक और फतह के दूत महमूद अल-अलौल के साथ-साथ 12 अन्य फलस्तीनी समूहों के प्रतिनिधि भी शामिल हैं।

चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह पहली बार है जब 14 प्रतिद्वंद्वी समूह सुलह वार्ता के लिए बीजिंग में एकत्र हुए।

वांग ने कहा, ‘‘सुलह फलस्तीनी गुटों का आंतरिक मामला है, लेकिन साथ ही इसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समर्थन के बिना हासिल नहीं किया जा सकता।’’

वांग ने कहा, ‘‘मुख्य परिणाम यह है कि पीएलओ (फलस्तीन मुक्ति संगठन) सभी फलस्तीनी लोगों का एकमात्र वैध प्रतिनिधि है।’’ उन्होंने कहा कि ‘‘गाजा युद्ध के बाद शासन और एक अंतरिम राष्ट्रीय सुलह सरकार के गठन पर समझौता हुआ है।’’

हालांकि, वांग की टिप्पणियों से यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि हमास, जो पीएलओ का हिस्सा नहीं है, ऐसी व्यवस्था में क्या भूमिका निभाएगा, या किसी भी समझौते का तत्काल प्रभाव क्या होगा।

हमास गाजा पट्टी पर शासन करता है, जबकि फतह फलस्तीनी प्राधिकरण को नियंत्रित करता है, जिसका वेस्ट बैंक पर आंशिक प्रशासनिक नियंत्रण है।

इजराइल ने गाजा में युद्ध समाप्त होने से पहले हमास को नष्ट करने का संकल्प लिया है। इजराइल ने बीजिंग घोषणा को तुरंत खारिज कर दिया।

इजराइल के विदेश मंत्री आई. काट्ज ने ‘एक्स’ पर जारी एक पोस्ट में कहा, ‘‘आतंकवाद को खारिज करने के बजाय, महमूद अब्बास हमास के हत्यारों और बलात्कारियों को गले लगाते हैं, जिससे उनका असली चेहरा सामने आया है।’’

इस घोषणापत्र पर ऐसे समय में हस्ताक्षर किए गए हैं, जब इजराइल और हमास अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समर्थित संघर्ष-विराम प्रस्ताव पर विचार कर रहे हैं, जो गाजा पट्टी में नौ महीने से जारी युद्ध को समाप्त कर सकता है और हमास द्वारा बंधक बनाए गए इजराइली नागरिकों की आजादी की राह तैयार कर सकता है।

हालांकि, समझौते पर सहमति बनने के बावजूद युद्ध के बाद गाजा पट्टी की स्थिति को लेकर संशय बरकरार रहेगा, क्योंकि इजराइल इस क्षेत्र के शासन में हमास की किसी भी भूमिका के खिलाफ है।

चीन के सरकारी प्रसारणकर्ता ‘सीसीटीवी’ के मुताबिक, फलस्तीन के दोनों प्रतिद्वंद्वी समूहों ने “मतभेद खत्म करने और फलस्तीनी एकता को मजबूत करने” के संबंध में बीजिंग घोषणापत्र पर दस्तखत किए।

हमास ने वर्ष 2007 में हिंसक संघर्ष के दौरान फलस्तीन के तत्कालीन राष्ट्रपति महमूद अब्बास के वफादार फतह लड़ाकों को गाजा पट्टी से खदेड़कर क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था, जिसके बाद से ही दोनों समूह एक-दूसरे के विरोधी रहे हैं।

भाषा सुभाष धीरज

धीरज