(सज्जाद हुसैन)
इस्लामाबाद, सात अक्टूबर (भाषा) पाकिस्तान ने सोमवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर की आगामी इस्लामाबाद यात्रा के दौरान द्विपक्षीय मुद्दों पर भारत के साथ बातचीत की संभावना से इनकार किया।
भारत ने शुक्रवार को घोषणा की कि जयशंकर इस्लामाबाद में एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए पाकिस्तान जाने वाले प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। हालांकि, जयशंकर ने पाकिस्तान की अपनी यात्रा के दौरान द्विपक्षीय वार्ता की संभावना से इनकार किया।
विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने कहा कि पाकिस्तान 15 से 16 अक्टूबर तक इस्लामाबाद में एससीओ सदस्य देशों के शासनाध्यक्षों की 23वीं परिषद की मेजबानी करेगा।
जयशंकर की यात्रा और भारत-पाकिस्तान संबंधों के बारे में पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को ‘इस यात्रा के संबंध में आधिकारिक तौर पर सूचना’ मिल गई है और वह सभी सदस्यों का स्वागत करने के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा, ‘‘द्विपक्षीय बैठकों के बारे में आपके प्रश्न के संबंध में, मैं आपको 5 अक्टूबर को भारतीय विदेश मंत्री द्वारा की गई टिप्पणियों का संदर्भ देना चाहूंगी, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनकी यात्रा एक बहुपक्षीय कार्यक्रम के लिए है, न कि पाकिस्तान-भारत संबंधों पर चर्चा करने के लिए। ये टिप्पणियां स्व-व्याख्यात्मक हैं।’’
इससे पहले पाकिस्तान का दौरा करने वाली अंतिम भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज थीं। वह दिसंबर 2015 में अफगानिस्तान पर एक सम्मेलन में भाग लेने के लिए इस्लामाबाद आईं थीं।
जयशंकर की पाकिस्तान यात्रा महत्वपूर्ण है क्योंकि इसे नयी दिल्ली की ओर से एक बड़े फैसले के रूप में देखा जा रहा है।
पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में फरवरी 2019 में भारत के लड़ाकू विमानों द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर पर बमबारी के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में तनाव आ गया था।
पांच अगस्त, 2019 को भारत द्वारा जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को वापस लेने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने की घोषणा के बाद संबंध और खराब हो गए। नयी दिल्ली द्वारा अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ राजनयिक संबंधों को कमतर कर दिया।
भारत यह कहता रहा है कि वह पाकिस्तान के साथ सामान्य संबंध चाहता है, लेकिन इस तरह के संबंधों के लिए आतंक और शत्रुता से मुक्त वातावरण बनाने की जिम्मेदारी इस्लामाबाद की है।
पाकिस्तान के तत्कालीन विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी गोवा में एससीओ देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए मई 2023 में भारत आए थे। यह लगभग 12 वर्षों में किसी पाकिस्तानी विदेश मंत्री की पहली भारत यात्रा थी।
एससीओ बैठक का ब्योरा देते हुए बलूच ने कहा कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ आगामी सीएचजी बैठक की अध्यक्षता करेंगे।
भाषा वैभव देवेंद्र
देवेंद्र
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