पाकिस्तान: पुलिस ने अहमदिया समुदाय के 70 साल पुरानी दो इबादतगाहों की मीनारें ध्वस्त कीं

पाकिस्तान: पुलिस ने अहमदिया समुदाय के 70 साल पुरानी दो इबादतगाहों की मीनारें ध्वस्त कीं

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  • Publish Date - October 14, 2024 / 04:35 PM IST,
    Updated On - October 14, 2024 / 04:35 PM IST

(एम जुल्करनैन)

लाहौर, 14 अक्टूबर (भाषा) जमात-ए-अहमदिया पाकिस्तान (जेएपी) ने सोमवार को कहा कि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में पुलिस ने कथित तौर पर धार्मिक चरमपंथियों के दबाव में अहमदिया समुदाय की 70 साल पुरानी दो इबादतगाहों की मीनारों को ध्वस्त कर दिया है।

तोड़फोड़ की यह कार्रवाई खानेवाल और गुजरांवाला में हुई।

जेएपी के वरिष्ठ पदाधिकारी आमिर महमूद ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “ खानेवाल और गुजरांवाला दोनों जगहों पर पुलिस ने धार्मिक चरमपंथियों के दबाव में आकर अहमदिया समुदाय की इबादतगाहों की मीनारों को ध्वस्त कर दिया और पवित्र शिलालेखों को सीमेंट से ढक दिया।”

उन्होंने कहा कि दोनों इबादतगाहें 1950 के दशक की शुरू में बनाई गई थी।

महमूद ने बताया कि लाहौर उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति तारिक सलीम शेख ने 31 अगस्त 2023 को दिए अपने फैसले में स्पष्ट रूप से कहा था कि अहमदिया समुदाय की 1984 से पहले बनी इबादतगाहों को नुकसान पहुंचाना गैरकानूनी है। अदालत ने स्पष्ट रूप से फैसला सुनाया कि 1984 में बनाया गया कानून ऐसे उपासना स्थलों पर लागू नहीं होता है, और तोड़फोड़ या नुकसान पहुंचाने का कोई भी कार्य गैरकानूनी होगा।

महमूद ने अदालत के आदेश के खुलेआम उल्लंघन का दावा करते हुए कहा, “हमने लाहौर उच्च न्यायालय का आदेश पुलिस को दिखाया , लेकिन उसे नजरअंदाज कर दिया गया। पुलिस ने दावा किया कि उन पर धार्मिक तत्वों का भारी दबाव है।”

जेएपी ने पुलिस की कार्रवाई की निंदा करते हुए इसे अवैध और अधिकारों का दुरुपयोग बताया।

पाकिस्तान में, धार्मिक चरमपंथी कथित तौर पर अहमदिया समुदाय के लोगों के खिलाफ अपने घृणित अभियान को तेज कर रहे हैं, जिसके कारण कार्यस्थलों पर उनका उत्पीड़न बढ़ रहा है, उन्हें नौकरियों से बर्खास्तग किया जा रहा है और अहमदिया दुकानदारों का बहिष्कार करने का सार्वजनिक आह्वान किया जा रहा है।

भाषा नोमान माधव

माधव