पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने यूएनजीए में फिर उठाया कश्मीर का मुद्दा: कहा- भारत कर रहा सैन्य विस्तार |

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने यूएनजीए में फिर उठाया कश्मीर का मुद्दा: कहा- भारत कर रहा सैन्य विस्तार

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने यूएनजीए में फिर उठाया कश्मीर का मुद्दा: कहा- भारत कर रहा सैन्य विस्तार

:   Modified Date:  September 27, 2024 / 10:39 PM IST, Published Date : September 27, 2024/10:39 pm IST

(योषिता सिंह)

संयुक्त राष्ट्र, 27 सितंबर (भाषा) पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के सालाना संबोधन में एक बार फिर कश्मीर का मुद्दा उठाया और भारत पर ‘‘ बड़े पैमाने पर सैन्य क्षमता का विस्तार’’ करने व पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) पर कब्जा करने के लिए नियंत्रण रेखा (एलओसी) को पार करने की धमकी देने का आरोप लगाया।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने मांग की कि भारत को 2019 में जम्मू- कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के फैसले को वापस लेना चाहिए। उन्होंने भारत पर अपनी मुस्लिम आबादी को अधीन करने और इस्लामी विरासत को खत्म करने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया।

पाकिस्तान नियमित रूप से संयुक्त राष्ट्र के वार्षिक संबोधन में कश्मीर मुद्दा उठाता रहा है। उम्मीद है कि भारत शरीफ के आरोपों के विरोध के लिए अपने जवाब देने के अधिकार का इस्तेमाल कर सकता है।

शरीफ ने कहा कि फलस्तीन के लोगों की तरह, जम्मू-कश्मीर के लोगों का भी अपनी आजादी और आत्मनिर्णय के अधिकार के लिए लंबे समय से संघर्ष जारी है।

शरीफ ने अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त करने के भारत के फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि स्थायी शांति सुनिश्चित करने के लिए ‘‘ भारत को अगस्त 2019 के एकतरफा और अवैध कदमों को वापस लेना होगा और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा प्रस्तावों तथा कश्मीरी लोगों की इच्छाओं के अनुरूप जम्मू कश्मीर के मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान के लिए बातचीत शुरू करनी होगी।’’

शरीफ ने करीब 20 मिनट तक दिए अपने भाषण में दावा किया कि शांति की ओर बढ़ने के बजाय, भारत जम्मू-कश्मीर पर सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों को लागू करने की अपनी प्रतिबद्धताओं से पीछे हट गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘इन प्रस्तावों में जम्मू-कश्मीर के लोगों को आत्मनिर्णय के अपने मौलिक अधिकार का प्रयोग करने में सक्षम बनाने के लिए जनमत संग्रह कराने की बात कहीं गई है।’’

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘और भी चिंताजनक बात यह है कि वह अपनी सैन्य क्षमताओं के बड़े पैमाने पर विस्तार करने में लगा हुआ है जो अनिवार्य रूप से पाकिस्तान के खिलाफ है।’’उन्होंने कहा, ‘‘इसके युद्ध सिद्धांत एक अचानक हमले और परमाणु दबाव के तहत एक सीमित युद्ध की परिकल्पना करते हैं।’’

शरीफ ने कहा कि भारत ने आपसी सामरिक व्यवस्था के उनके देश के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है, और इसके नेतृत्व ने ‘अक्सर नियंत्रण रेखा पार करने’ और जिसे पाकिस्तान ‘आजाद कश्मीर’ कहता है, उस पर कब्जा करने की धमकी दी है।

शरीफ ने कहा, ‘‘ मैं स्पष्ट कर दूं कि पाकिस्तान किसी भी भारतीय आक्रमण का निर्णायक जवाब देगा।’’

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा कि इस्लामोफोबिया का बढ़ना ऐसा वैश्विक घटनाक्रम है जो चिंताजनक है।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत में हिंदू श्रेष्ठतावादी एजेंडा इस्लामोफोबिया की सबसे चिंताजनक अभिव्यक्ति है। वह आक्रामक रूप से 20 करोड़ मुसलमानों की अधीनता और भारत की इस्लामी विरासत को नष्ट करना चाहता है।’’

संयुक्त राष्ट्र की पिछली बहसों में जम्मू-कश्मीर पर लगे आरोपों का जवाब देते हुए भारत ने इस बात पर जोर दिया है कि यह क्षेत्र उसका अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है।

शरीफ ने गाजा, यूक्रेन और अफगानिस्तान के हालात का भी उल्लेख किया।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने ‘गाजा में इजराइल के नरसंहार युद्ध’, यूक्रेन में एक खतरनाक संघर्ष, अफ्रीका और एशिया में विनाशकारी संघर्ष, बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव, आतंकवाद का फिर से उभरना, तेजी से बढ़ती गरीबी, गंभीर कर्ज और जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभाव का उल्लेख किया। साथ ही शरीफ ने कहा, ‘‘आज, हम विश्व व्यवस्था के लिहाज से सबसे कठिन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।’’

भाषा धीरज पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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