नईदिल्ली। कश्मीर मामले पर पाकिस्तान को एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र में मुंह की खानी पड़ी है। कश्मीर में कथित मानवाधिकार उल्लंघन के नाम पर उसकी यूएनएचआरसी में प्रस्ताव लाने की कोशिश बेकार हो गई। जिनेवा में चल रहे 42वें मानवाधिकार सेशन में पाकिस्तान को प्रस्ताव लाने के लिए पर्याप्त संख्या में अन्य देशों का समर्थन नहीं मिला। भारत के लिहाज से यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी कूटनीतिक जीत है।
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गौरतलब है कि सभी प्रमुख अतंरराष्ट्रीय मंचों पर भारत जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को समाप्त किए जाने को आंतरिक मामला बता चुका है। यूएनएचआरसी में 47 देश हिस्सा ले रहे हैं और भारतीय दल ने भी मजबूती से अपना पक्ष रखा है। भारतीय दल का नेतृत्व राजनयिक अजय बिसारिया कर रहे हैं। बिसारिया पूर्व में पाकिस्तान में भारत के हाई कमिश्नर रह चुके हैं। कश्मीर मुद्दे पर पाक के झूठे आरोपों का जवाब देने के लिए भारतीय दल ने खासी तैयारी कर रखी है।
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पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय जगत से कश्मीर पर समर्थन के लिए हर संभव कोशिश कर रहा है। इस्लामाबाद की कोशिशें लगातार असफल हो रही हैं और उसे ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कॉर्पोरेशन (OIC) से भी सहयोग नहीं मिल सका। भारत के कूटनीतिक प्रयासों की सफलता यहां पर साफ तौर पर देखी जा सकती है।
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