(एम जुल्करनैल)
लाहौर, नौ नवंबर (भाषा) पाकिस्तान की आतंकवाद निरोधक अदालत ने लाहौर में आगजनी के चार मामलों में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खाने को जमानत दे दी जबकि आठ अन्य मामलों की सुनवाई 30 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी।
इमरान खान इस समय विभिन्न मामलों में इस समय रावलपिंडी के अडियाला जेल में बंद हैं। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के शीर्ष नेता खान के खिलाफ मई 2023 की हिंसा के सिलसिले में लाहौर में 12 मुकदमे दर्ज किये गए हैं। खान की भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तारी के बाद हुई हिंसा को लेकर दर्ज मामलों में सरकारी और सैन्य इमारतों पर हमले का मुकदमा भी शामिल है।
आंतकवाद रोधी अदालत ने शुक्रवार को उन्हें मॉडल टाउन इलाके में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के कार्यालय को कथित रूप से जलाने, कलमा चौक के पास एक कंटेनर, गुलबर्ग में पुलिस वाहनों और 9 मई 2023 के दंगों के दौरान शेरपाओ ब्रिज पर हिंसा से जुड़े चार मामलों में जमानत दे दी।
खान ने अदालत में दाखिल अर्जी में इन मामलों में जमानत देने का अनुरोध किया था।
पंजाब सरकार के विधि अधिकारी एवं लोक अभियोजक फरहाद अली शाह ने दलील दी कि खान ने अपनी गिरफ्तारी के मामले में हिंसा का सहारा लेने का विमर्श को आगे बढ़ाया था। उन्होंने अदालत से जमानत अर्जी खारिज करने का अनुरोध करते हुए कहा, ‘‘पीटीआई नेतृत्व और कार्यकर्ताओं ने खान के निर्देश पर सैन्य प्रतिष्ठानों सहित संवेदनशील ठिकानों पर हमला किया।’’
खान के वकील बैरिस्टर सलमान सफदर ने पहले ही उनकी ओर से अपनी दलीलें पूरी कर चुके हैं। हालांकि, उन्होंने अदालत से और अधिक दलीलें पेश करने की अनुमति मांगी और कहा कि अभियोजन पक्ष ने तथ्यों के विपरीत दलीलें पेश कीं।
उन्होंने मामले की सुनवाई भी टालने का अनुरोध किया।
इसके बाद यहां आतंकवाद निरोधक अदालत (एटीसी) के न्यायाधीश अरशद जावेद ने चारों मामलों में खान की जमानत याचिकाएं मंजूर करने का फैसला सुनाया।
भाषा धीरज रंजन
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