India's opinion on Balochistan's independence || Image- IBC24 News File
India’s opinion on Balochistan’s independence: इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने बृहस्पतिवार को भारत पर देश में आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उसने कहा कि बलूचिस्तान को अस्थिर करने में भारत की संलिप्तता स्पष्ट रूप से नजर आती है। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने दावा किया कि भारत एक अंतरराष्ट्रीय अभियान चला रहा है, जिसके तहत वह हत्याएं करवा रहा है।
साप्ताहिक प्रेसवार्ता के दौरान खान ने कहा कि भारत की संलिप्तता पूरी तरह स्पष्ट है। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत केवल पाकिस्तान में ही नहीं, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया में अस्थिरता फैलाने की कोशिश कर रहा है। उनका कहना था कि भारत लगातार पाकिस्तान में आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है और विशेष रूप से बलूचिस्तान में अशांति फैलाने में शामिल है।
India’s opinion on Balochistan’s independence: पाकिस्तान की यह टिप्पणी बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) के विद्रोहियों द्वारा 11 मार्च को किए गए हमले के कुछ दिनों बाद आई है। इस घटना में विद्रोहियों ने बलूचिस्तान के बोलन जिले में जाफर एक्सप्रेस पर कब्जा कर लिया था और यात्रियों को बंधक बना लिया था। इस हमले में 21 यात्रियों और अर्धसैनिक बलों के चार जवानों की मौत हो गई थी, जबकि बाद में सेना ने कार्रवाई करते हुए सभी 33 विद्रोहियों को मार गिराया था।
खान ने कहा कि भारत ने इस हमले की निंदा तक नहीं की। उन्होंने भारत पर पहले भी ऐसे आरोप लगाए थे, जिनका नयी दिल्ली की ओर से तीखा जवाब दिया गया था। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने 14 मार्च को इस संबंध में कहा था कि पूरी दुनिया जानती है कि वैश्विक आतंकवाद का केंद्र कहां है। उन्होंने यह भी कहा था कि पाकिस्तान को अपनी आंतरिक समस्याओं और असफलताओं के लिए दूसरों को दोष देने के बजाय आत्ममंथन करना चाहिए।
इसके अलावा, ‘रायसीना डायलॉग’ के दौरान भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर की टिप्पणियों को लेकर भी पाकिस्तानी विदेश कार्यालय के प्रवक्ता खान ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इस बात को लेकर चिंतित है कि जम्मू-कश्मीर को लेकर भारतीय नेताओं के बयान लगातार बढ़ रहे हैं।
India’s opinion on Balochistan’s independence: खान ने आगे कहा कि यह भारत ही था जिसने 1948 में जम्मू-कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में उठाया था। आज भारत को सुरक्षा परिषद और उसके तत्कालीन सदस्यों को दोष देने का कोई अधिकार नहीं है। हालांकि, भारत ने हमेशा यह स्पष्ट किया है कि जम्मू-कश्मीर देश का अभिन्न अंग था, है और हमेशा रहेगा।