‘7 साल के अंदर’ पाक ने परमाणु क्षमता हासिल की: राष्ट्रपति अल्वी, कहा- पड़ोसियों के साथ शांति चाहता है पाक

1974 में भारतीय परमाणु परीक्षण के ‘7 साल के अंदर’ पाक ने परमाणु क्षमता हासिल की: राष्ट्रपति अल्वी Pak achieved nuclear capability 'within 7 years': President Alvi Said- Pak wants peace with neighbors ‘7 साल के अंदर’ पाक ने परमाणु क्षमता हासिल की: राष्ट्रपति अल्वी, कहा- पड़ोसियों के साथ शांति चाहता है पाक

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  • Publish Date - August 14, 2021 / 04:27 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:57 PM IST

Pakistan president Arif Alvi on independence day

इस्लामाबाद, 14 अगस्त । पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने शनिवार को कहा कि भारत द्वारा 1974 में पहला परमाणु परीक्षण किए जाने के “सात साल के अंदर” परमाणु क्षमता हासिल करना आजादी के बाद हासिल की गई उनके देश की बड़ी उपलब्धियों में से एक है। इसके यह संकेत मिलता है कि 1998 में आधिकारिक तौर पर परमाणु क्षमता हासिल करने की घोषणा से बहुत पहले पाकिस्तान ने इसे हासिल कर लिया था। पाकिस्तान के 75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रेसिडेंट हाउस में हुए ध्वजारोहण समारोह में अल्वी ने कहा कि बीते 74 साल में हम पर “तीन जंग थोपी गईं”, हालांकि चुनौतियों के बावजूद देश आगे बढ़ता रहा। पाकिस्तान की उपलब्धियों को गिनवाते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि आजादी के बाद देश ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल कीं और उनमें से बड़ी उपलब्धि परमाणु क्षमता हासिल करना है। अल्वी ने कहा, “भारत ने 1974 में जब परमाणु परीक्षण किया था तब पाकिस्तान ने उसके सात साल के अंदर परमाणु प्रतिरोधक क्षमता हासिल करने में सफलता पाई, वह भी अपने खुफिया प्रबंधन और कठिन परिश्रम से। इसके साथ ही वह उन देशों की कतार में शामिल हो गया जो विकसित थे और अपनी सुरक्षा के लिये परमाणु हथियार रखते हैं।”

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Pakistan president Arif Alvi on independence day : भारत ने 18 मई 1974 को अपना पहला परमाणु परीक्षण ‘स्माइलिंग बुद्धा’ कूट नाम से राजस्थान के पोकरण में किया था और इसके साथ ही परमाणु शक्ति बन गया था। मई 1998 में भारत ने एक बार भी उसी स्थान पर (पोकरण-2 परीक्षण) कई परमाणु परीक्षण किए। पोकरण-2 परीक्षण की प्रतिक्रिया में पाकिस्तान ने 28 मई 1998 को बलोचिस्तान प्रांच के चागाई जिले की रास कोह पहाड़ियों में पांच भूमिगत परमाणु परीक्षण किए। चागाई-1 कूटनाम से किए गए यह परीक्षण पाकिस्तान द्वारा सार्वजनिक रूप से परमाणु हथियारों का पहला परीक्षण था। दूसरा परमाणु परीक्षण चागाई-2, उसी साल 30 मई को किया गया। पाकिस्तान के समक्ष चुनौतियों का जिक्र करते हुए अल्वी ने कहा कि क्षेत्र में हथियारों के लिये होड़ चल रही है और देश हथियारों की क्षेत्रीय होड़ में फंस गया है। उन्होंने कहा, इसके बावजूद मूल रूप से कृषि अर्थव्यवस्था वाला उनका देश अपनी खाद्यान्न की जरूरतों को पूरा कर रहा है और अब एक औद्योगिक राष्ट्र बनने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। राष्ट्रपति ने कहा, “पाकिस्तान सूचना प्रौद्योगिकी की दिशा में भी आगे बढ़ रहा है।”

आतंकवाद पर अल्वी ने कहा कि पाकिस्तान सफलतापूर्वक इस खतरे का मुकाबला कर रहा है। उन्होंने कहा कि देश ने आतंकवाद से जंग में करीब एक लाख जान गंवाई हैं और 150 अरब से ज्यादा का आर्थिक नुकसान झेला है, “लेकिन विजेता बनकर उभरा है।” उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने दशकों से करीब 35 लाख शरणार्थियों को अपने यहां पनाह दे रखी है। अल्वी ने कहा, “3.5 लाख अफगान पाकिस्तान में शरण ले रखी है और हमने उन्हें किसी और पर निर्भर हुए बिना अपने यहां रखा। यह हमारा सत्कार दर्शाता है।” उन्होंने कश्मीर का मुद्दा भी उठाया और घाटी के लोगों के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त की।

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प्रधानमंत्री इमरान खान ने स्वतंत्रता दिवस पर अपने अलग संदेश में कहा कि पाकिस्तान सभी पड़ोसियों के साथ शांति चाहता है जिससे देश के सामाजिक-आर्थिक विकास पर ध्यान केंद्रित कर सके। उन्होंने कहा, “अपने सामाजिक-आर्थिक एजेंडे पर बढ़ने के लिए हम देश के अंदर और पड़ोसियों के साथ शांति चाहते हैं। नए पाकिस्तान ने अपना ध्यान भू-राजनीतिक से हटाकर भू-अर्थव्यवस्था पर केंद्रित किया है, जिसमें हमारे लोगों की कुशलता व कल्याण शीर्ष प्राथमिकता है।” खान ने कहा कि पाकिस्तान ने काफी बलिदान दिए हैं और अपनी पश्चिमी सीमा पर अस्थिरता की भारी कीमत चुकाई है।