कनिष्क बम विस्फोट की 39वीं बरसी पर भारत ने कहा: आतंकवाद का मुकाबला करने में वह सबसे आगे

कनिष्क बम विस्फोट की 39वीं बरसी पर भारत ने कहा: आतंकवाद का मुकाबला करने में वह सबसे आगे

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  • Publish Date - June 19, 2024 / 03:38 PM IST,
    Updated On - June 19, 2024 / 03:38 PM IST

ओटावा, 19 जून (भाषा) नागरिक विमानन के इतिहास में सबसे जघन्य आतंकवाद से संबंधित हवाई दुर्घटना कनिष्क बम विस्फोट को याद करते हुए वैंकूवर स्थित भारत के महावाणिज्य दूतावास ने कहा है कि भारत आतंकवाद की समस्या से निपटने में सबसे आगे है और इस वैश्विक खतरे से निपटने के लिए सभी देशों के साथ मिलकर काम कर रहा है।

मॉन्ट्रियल-नयी दिल्ली एअर इंडिया ‘कनिष्क’ उड़ान संख्या 182 में 23 जून 1985 को लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे पर उतरने से 45 मिनट पहले विस्फोट हो गया, जिससे विमान में सवार सभी 329 लोग मारे गए। इनमें से अधिकांश भारतीय मूल के कनाडाई थे।

इस बम विस्फोट का आरोप सिख आतंकवादियों पर लगाया गया था। यह विस्फोट कथित तौर पर 1984 में स्वर्ण मंदिर से आतंकवादियों को बाहर निकालने के लिए किए गए ‘ऑपरेशन ब्लूस्टार’ के प्रतिशोध में किया गया था।

भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने बम विस्फोट की बरसी पर एक स्मृति कार्यक्रम की योजना बनाई है।

वैंकूवर स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने मंगलवार को ‘एक्स’ पर लिखा, “भारत आतंकवाद के खतरे का मुकाबला करने में सबसे आगे है और इस वैश्विक खतरे से निपटने के लिए सभी देशों के साथ मिलकर काम कर रहा है।”

उसने कहा, “23 जून 2024 को एअर इंडिया की फ्लाइट संख्या 182 (कनिष्क) पर हुए कायरतापूर्ण आतंकवादी हमले की 39वीं बरसी है, जिसमें 86 बच्चों सहित 329 निर्दोष लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी। यह नागरिक उड्डयन के इतिहास में सबसे जघन्य आतंकवाद-संबंधी हवाई दुर्घटनाओं में से एक थी।”

यह स्मृति कार्यक्रम 23 जून को वैंकूवर में स्टेनली पार्क के केपरले खेल मैदान में ‘एअर इंडिया मेमोरियल’ में आयोजित किया जाएगा।

वाणिज्य दूतावास ने भारतीय समुदाय के सदस्यों को आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाने के वास्ते इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया।

भारत द्वारा आयोजित यह श्रद्धांजलि सभा खालिस्तानी आतंकवादियों के मुद्दे पर कनाडा के साथ भारत के संबंधों में तनाव के बीच हो रही है। पिछले साल सितंबर में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कथित सिख आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की “संभावित” संलिप्तता का आरोप लगाया था। भारत ने ट्रूडो के आरोपों को “बेतुका और प्रेरित” बताते हुए खारिज कर दिया है।

भारत का कहना है कि दोनों देशों के बीच मुख्य मुद्दा यह है कि कनाडा अपनी धरती से गतिविधियां चला रहे खालिस्तान समर्थक तत्वों को बिना किसी रोक-टोक के जगह दे रहा है।

भारत ने बार-बार कनाडा के समक्ष अपनी “गहन चिंता” जाहिर की है तथा नयी दिल्ली को उम्मीद है कि ओटावा ऐसे तत्वों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करेगा।

इस बीच, कनाडा की संसद ने मंगलवार को ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ में मौन रखकर निज्जर की मृत्यु की पहली बरसी मनाई। पिछले साल 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कनाडा पुलिस ने हत्या के सिलसिले में चार भारतीय नागरिकों को गिरफ्तार किया है।

भाषा प्रशांत मनीषा

मनीषा