उत्तरी सागर में तेल प्रदूषण को 'बहुत कम आंका गया है' : रिपोर्ट |

उत्तरी सागर में तेल प्रदूषण को ‘बहुत कम आंका गया है’ : रिपोर्ट

उत्तरी सागर में तेल प्रदूषण को 'बहुत कम आंका गया है' : रिपोर्ट

:   Modified Date:  September 29, 2024 / 07:15 PM IST, Published Date : September 29, 2024/7:15 pm IST

(रोजी विलियम्स, जूलॉजिकल सोसायटी ऑफ लंदन)

लंदन, 29 सितंबर (द कन्वरसेशन) स्कॉटलैंड के एबरडीन में पला-बढ़ा, ‘पाइपर अल्फा’ आपदा की छाया हमारे समुदाय पर छाई रही। वर्ष 1988 में ‘ऑयल रिग प्लेटफॉर्म’ के दुखद विस्फोट ने 167 लोगों की जान ले ली थी। तब मैं उस आपदा के पारिस्थितिक प्रभावों से पूरी तरह अनजान था, लेकिन 670 टन तेल के रिसाव ने समुद्री जीवन पर कहर बरपाया और समुद्री पर्यावरण पर इसका स्थायी प्रभाव पड़ा, जिसका अन्वेषण करना मुझे पसंद है।

हाल के दशकों में तेल रिसाव की घटनाएं और टैंकर, रिग, कुओं और अपतटीय जगहों से निकलने वाले तेल की मात्रा में धीरे-धीरे कमी आई है। वैश्विक स्तर पर घटनाएं होती रहती हैं, लेकिन शुक्र है कि ब्रिटेन ने तब से पाइपर अल्फा जैसी किसी और भयावह आपदा का सामना नहीं किया है।

क्या इसका मतलब यह है कि ब्रिटेन के तेल और गैस क्षेत्र ने अपना काम ठीक कर लिया है? वे निश्चित रूप से चाहेंगे कि आप ऐसा ही सोचें। लेकिन महासागर प्रदूषण केवल पानी की सतह पर फैली तेल की बड़ी परत तक ही सीमित नहीं है।

‘मैरिन कंजर्वेशन चैरिटी ओशियाना’ की नयी रिपोर्ट ‘सी स्लिक’ बताती है कि बार-बार होने वाले छोटे पैमाने के तेल रिसाव की सीमा को अभी भी बहुत कम आंका जा रहा है, भले ही बड़े पैमाने पर तेल रिसाव की घटनाएं कम हो रही हैं।

रिपोर्ट में ब्रिटेन में दीर्घकालिक तेल प्रदूषण के वास्तविक पैमाने और प्रभाव का खुलासा किया गया है, जिसमें दिखाया गया है कि कई वर्षों से उत्तरी सागर में सैकड़ों तेल रिसाव की घटनाएं हुई हैं, जिनका कोई हिसाब नहीं है। ये वे स्थान हैं, जहां बड़े रिसावों की तुलना में अक्सर कम मात्रा में तेल निकलता है। यह समस्या तेल एवं गैस क्षेत्र में खराब विनियमन तथा रिपोर्टिंग में पारदर्शिता की कमी के कारण उत्पन्न हुई है, जिसके कारण तेल एवं गैस कम्पनियों को अपना काम स्वयं करने की छूट मिल जाती है।

वर्तमान में तेल और गैस विकास के लिए नियमित परिचालन के भाग के रूप में एक निश्चित मात्रा में तेल प्रदूषण की अनुमति है। कंपनियां तेल छोड़ने के परमिट के लिए आवेदन कर सकती हैं, जो उन्हें समुद्र में एक निश्चित मात्रा में तेल या रसायन छोड़ने की अनुमति देता है।

इस अपशिष्ट उत्पाद को ‘प्रोड्यूस्ड वाटर’ कहा जाता है। ‘प्रोड्यूस्ड वाटर’ तेल एवं गैस क्षेत्र का उपोत्पाद है, जो तेल और गैस उत्पादन के दौरान अपशिष्ट जल के रूप में समुद्र की सतह पर वापस आ जाता है। ‘प्रोड्यूस्ड वाटर’ को छोड़ने से पहले उपचारित किया जा सकता है, लेकिन फिर भी उसमें सूक्ष्म रूप से फैला हुआ तेल और विषैली भारी धातुएं, जैसे पारा और आर्सेनिक, मौजूद रहती हैं।

ओशियाना की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि तेल और गैस कंपनियां नियमित रूप से अपने कानूनी जल परमिट की अनुमति का उल्लंघन कर रही हैं।

दरअसल ‘सी स्लिक’ ने पिछले साढ़े तीन सालों में कुल 723 परमिट उल्लंघन की घटनाओं की गणना की है, जो हर महीने 17 तेल या रासायनिक रिसाव के बराबर है।

वर्तमान में इन परमिट उल्लंघनों को दुर्घटना के रूप में नहीं गिना जाता है। उन्हें वास्तव में परमिट उल्लंघन के अलावा कुछ भी नहीं माना जाता है। यदि इन अनगिने परमिट उल्लंघनों को आकस्मिक तेल रिसाव के लिए आधिकारिक सरकारी डेटा में शामिल किया जाता है, तो ओशियाना का अनुमान है कि यूके के समुद्र में तेल रिसाव की मात्रा कम से कम 43 प्रतिशत बढ़ जाती है।

तेल और गैस क्षेत्र जनता को यह भरोसा दिलाने के लिए उत्सुक है कि तेल प्रदूषण को जल्दी से खत्म किया जा सकता है और इससे समुद्री जीवन या मानव स्वास्थ्य को कम जोखिम है। निश्चित रूप से, यदि घटनाएं दुर्लभ होतीं, तो यह तर्क अधिक प्रभावी हो सकता था। लेकिन ऐसा नहीं है। समय के साथ, जहरीले रसायनों के बढ़ते उत्सर्जन का पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। जनवरी 2021 और मई 2024 के बीच ब्रिटेन के समुद्री संरक्षित क्षेत्रों के इलाकों में परमिट उल्लंघन से अनुमानित 248 रिसाव हुए।

यह क्यों मायने रखता है? समुद्री संरक्षित क्षेत्र महासागर के वे क्षेत्र हैं, जिन्हें समुद्री जीवन और प्राकृतिक आवासों को संरक्षित करने में मदद करने के लिए विशेष नाम दिए गए हैं। इन्हें दुर्लभ, संकटग्रस्त और महत्वपूर्ण प्राकृतिक आवासों या प्रजातियों की रक्षा के लिए बनाया गया है।

‘प्रोड्यूस्ड वाटर’ को उन क्षेत्रों में छोड़ा जाना, जिन्हें संरक्षण के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना गया है, चौंकाने वाला है।

प्रतिबंधों के बारे में गंभीर होना

ओशियाना के शोध से पता चलता है कि पिछले पांच वर्षों में तेल और गैस कंपनियों पर केवल दो बार जुर्माना लगाया गया है। एक बार तो सिर्फ 7,000 पाउंड का जुर्माना लगाया गया था।

नयी सरकार का जल (विशेष उपाय) विधेयक जल कंपनियों को ब्रिटेन की नदियों और महासागरों को साफ करने के लिए बाध्य करेगा। सहयोग न करने या सीवेज रिसाव के बारे में डेटा को छिपाने के किसी भी प्रयास के लिए मालिकों को दो साल तक की जेल हो सकती है। जल कंपनी के मालिकों को आखिरकार जवाबदेह ठहराया जा रहा है। क्या ब्रिटेन सरकार तेल और गैस कंपनियों के मालिकों पर भी यही नियम लागू करेगी, जो समुद्रों को प्रदूषित कर रहे हैं?

जैसा कि ‘सी स्लिक’ रिपोर्ट में बताया गया है प्रदूषण फैलाने वालों को जवाबदेह ठहराने के लिए जनता का भारी समर्थन है।

ब्रिटेन के समुद्र को लगातार प्रदूषित करने वाली तेल कंपनियों को उचित तरीके से विनियमित और जुर्माना लगाकर सरकार नए तेल और गैस लाइसेंस को समाप्त करने की अपनी प्रतिबद्धता को लागू और स्थायी कर सकती है।

अब कार्रवाई करने का समय आ गया है।

(द कन्वरसेशन)

शुभम दिलीप

दिलीप

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)