नईदिल्ली। देश और दुनिया के साथ अब संयुक्त राष्ट्र भी आर्थिक तंगी से गुजर रहा है और उसके पास कर्मचारियों को वेतन देने के लिए भी पैसे नहीं हैं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि हम यह जानकर चिंतित हैं कि मौजूदा नियमित बजट वित्त वर्ष तीन महीने में खत्म हो रहा है। इस साल और पिछले वर्ष को मिलाकर करीब 1.3 अरब डॉलर की रकम बकाया है। इस बकाए भुगतान का असर सत्र के दौरान समिति के कामकाज पर भी होगा। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में प्रथम सचिव महेश कुमार ने इस पर चिंता जताई है।
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यूएन सचिवालय में काम करने वाले 37 हजार कर्मचारियों को लिखे पत्र में उन्होंने कहा, ‘कर्मचारियों को वेतन और अन्य भत्ते देने के लिए खर्चों में कमी लाने को लेकर अतिरिक्त कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा, सदस्य देशों ने 2019 के लिए जरूरी हमारे नियमित बजट का केवल 70 प्रतिशत ही भुगतान किया है। इसके कारण सितंबर में संस्था के पास 23 करोड़ डॉलर नकदी की कमी है। हमारे सामने इस महीने के आखिर तक नकदी भंडार के समाप्त होने का खतरा है।’
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उन्होंने खर्च में कमी लाने के लिए सम्मेलनों और बैठकों को टालने और दूसरी सेवाओं में कटौती की बात कही है। उन्होंने सिर्फ जरूरी कामकाज को लेकर ही आधिकारिक यात्रा और ऊर्जा बचत के लिए कदम उठाने का भी जिक्र किया। बता दें कि साल 2018-19 के लिए संयुक्त राष्ट्र का बजट करीब 5.4 अरब डॉलर था। इसमें अमेरिका का योगदान 22 प्रतिशत रहा।
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