चीन नहीं इस देश ने दिया दुनिया को कोरोना वायरस ! प्रसिद्ध चिकित्सा विशेषज्ञ ने विदेशी मीडिया में किया खुलासा | Not China, this country gave corona virus to the world! Famous medical expert revealed in foreign media

चीन नहीं इस देश ने दिया दुनिया को कोरोना वायरस ! प्रसिद्ध चिकित्सा विशेषज्ञ ने विदेशी मीडिया में किया खुलासा

चीन नहीं इस देश ने दिया दुनिया को कोरोना वायरस ! प्रसिद्ध चिकित्सा विशेषज्ञ ने विदेशी मीडिया में किया खुलासा

Edited By :  
Modified Date: November 29, 2022 / 08:19 PM IST
,
Published Date: March 23, 2020 2:26 am IST

बीजिंग। चीन से कोरोना वायरस फैलने की पुष्टि की जा रही है, लेकिन इटली के प्रसिद्ध चिकित्सा विशेषज्ञ ने एक बड़ा खुलासा किया है। इस विशेषज्ञ की मानें तो चीन से पहले ये इस वायरस से पीड़ित इटली में था।

ये भी पढ़ें- CRPF जवान ने खुद को गोली मारकर की आत्महत्या, खुदकुशी की वजह तलाश रह…

इटली के प्रसिद्ध चिकित्सा विशेषज्ञ गियूसेप्पे रेमुज्जी ने एक इंटरव्यू देते समय कहा कि कोविड-19 का संदिग्ध वायरस शायद पिछले वर्ष के नवंबर या दिसंबर में इटली में मौजूद था। बता दें कि गियूसेप्पे इटली यहां तक कि पूरे यूरोप में प्रसिद्ध मारियो नेगरी फार्माकोलॉजी अनुसंधान प्रतिष्ठान के अध्यक्ष हैं। अमेरिकी राष्ट्रीय सार्वजनिक रेडियो ने 19 मार्च को अपनी वेबसाइट पर उनका इंटरव्यू जारी किया है।

ये भी पढ़ें- कोरोना वायरस टेस्ट के लिए अब प्राइवेट लैब्स को अनुमति, छत्तीसगढ़ मे..

कार्यक्रम में जब एंकर ने गियूसेप्पे से पूछा कि क्यों 21 फरवरी को महामारी के प्रकोप में इटली ने कुछ भी तैयारी नहीं की। इस पर गियूसेप्पे ने कहा कि उन्हें अभी सामान्य चिकित्सकों से यह ताजा खबर मिली कि उन चिकित्सकों की याद में पिछले साल के नवंबर व दिसंबर में उन्हें बुजुर्गो में अजीब निमोनिया के लक्षण दिखे थे। रोगियों की स्थिति बहुत गंभीर थी। गियूसेप्पे ने शायद ये इस बात की ओर इशारा करता है कि चीन में महामारी के प्रकोप से पहले यह वायरस इटली के लोम्बार्डी क्षेत्र में फैलने लगा था।

ये भी पढ़ें- सड़कें सूनसान, दुकानों में जड़ा ताला, घर में दुबके लोग, जनता कर्फ्य…

गियूसेप्पे ने 11 मार्च को एक अखबार में प्रकाशित हुए उनके एक लेख के अनुसार 11 मार्च के बाद चार हफ्तों में इटली में संक्रामक रोगियों की संख्या शायद 40 हजार से अधिक पहुंच जाएगी। इसके साथ ही चार हजार आईसीयू बेड की जरूरत होगी।