उत्तर कोरिया की बारूदी सुरंगों के दक्षिण कोरिया में बाढ़ में बहकर आने की आशंका

उत्तर कोरिया की बारूदी सुरंगों के दक्षिण कोरिया में बाढ़ में बहकर आने की आशंका

उत्तर कोरिया की बारूदी सुरंगों के दक्षिण कोरिया में बाढ़ में बहकर आने की आशंका
Modified Date: July 17, 2024 / 05:05 pm IST
Published Date: July 17, 2024 5:05 pm IST

सियोल, 17 जुलाई (एपी) उत्तर कोरिया ने हाल में दक्षिण कोरिया की कड़ी सुरक्षा वाली सीमा पर हजारों अतिरिक्त घातक विस्फोटक तैनात कर दिए हैं, जिस पर दक्षिण कोरिया की सेना ने बुधवार को चेतावनी दी कि बाढ़ के कारण पड़ोसी देशी की बारूदी सुरंगे उसके यहां बहकर आ सकती हैं।

उत्तर कोरिया द्वारा सीमा पर अप्रैल से निर्माण कार्य चल रहे हैं, जिनमें बारूदी सुरंगें बिछाना, टैंक रोधी अवरोधों को लगाना और सड़कों को सुदृढ़ करना शामिल है। दक्षिण कोरिया के अधिकारियों का मानना ​​है कि उत्तर कोरिया का लक्ष्य अपनी अग्रिम पंक्ति की सुरक्षा स्थिति को मजबूत करना तथा अपने सैनिकों एवं नागरिकों को दक्षिण कोरिया में जाने से रोकना है।

दक्षिण कोरिया के संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ ने स्थानीय पत्रकारों को बताया कि गर्मियों में बारिश के कारण आने वाली बाढ़ सीमा पार की बारूदी सुरंगों को बहा कर ला सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि उत्तर कोरिया उकसावे के तौर पर नदी की बहने की दिशा की तरफ जानबूझकर बारूदी सुरंगों को बहा सकता है।

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उत्तर कोरिया द्वारा उकसावे की इस प्रकार की कार्रवाई करने को लेकर चिंताएं उस समय और गहरा गयी जब उत्तर कोरिया के शक्तिशाली नेता किम जांग उन की की बहन किम यो जोंग ने मंगलवार को दक्षिण कोरिया के मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के विरूद्ध नये जवाबी उपाय करने की धमकी दी। इन कार्यकताओं ने उत्तर कोरिया में गुब्बारों की मदद से पर्चे नीचे गिराये। विगत में उत्तर कोरिया ने गुब्बारों की मदद से दक्षिण कोरिया में कचरा गिरवाया किंतु उससे कोई भारी नुकसान नहीं हुआ।

संयुक्त चीफ आफ स्टाफ ने एक बयान में कहा कि उत्तर कोरिया की सेना को सीमा पर चलाये जा रहे इन गहन कार्यों के दौरान बारूदी सुरंग में करीब 10 विस्फोटों और अत्यधिक गर्मी के कारण कई लोगों के ‘‘हताहतों’’ होने की क्षति उठानी पड़ी।

एक अनुमान के अनुसार कोरिया की 248 किलोमीटर लंबी और चार किलोमीटर चौड़ी भूमि सीमा के आसपास 20 लाख बारूदी सुरंगें बिछायी जा चुकी हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि दोनों कोरिया ने अपनी बारूदी सुरंगों का ठीक से प्रबंधन नहीं किया है और दोनों देशों को भी ठीक से नहीं पता कि उन्होंने कितनी बारूदी सुरंगें लगाई हैं या वे कहां कहां लगायी गयी हैं?

भाषा यासिर माधव

माधव


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