नई दिल्ली। भारत के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रण मिलने पर अब पाकिस्तान बगलें झांक रहा है। पड़ोसी देशों को आमंत्रण मिलने और उसकी अनदेखी करने पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री की प्रतिक्रिया सामने आई है।
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पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने पाकिस्तान मीडिया के सवाल पर कहा कि कश्मीर मुद्दे के साथ ही सियाचिन एवं सर क्रीक विवादों का हल निकालने के संबंध में बातचीत के लिए एक बैठक करना शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने से ज्यादा महत्त्वपूर्ण होगा।
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पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने ये भी कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री की ‘आंतरिक राजनीति’ उन्हें अपने पाकिस्तानी समकक्ष को आमंत्रित करने की इजाजत नहीं देती। बता दें कि पीएम मोदी 30 मई को शपथ लेने जा रहे हैं। सरकार ने सोमवार को नई दिल्ली में घोषणा की कि उसने प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण में बिमस्टेक देशों के नेताओं को आमंत्रित किया है। पाकिस्तान इस क्षेत्रीय समूह का सदस्य नहीं है।बिम्सटेक देशों में बांग्लादेश, भारत, म्यामां, श्रीलंका, थाईलैंड, भूटान और नेपाल शामिल हैं।