राष्ट्रपति को हटाने को लेकर अभी कोई निर्णय नहीं: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार

राष्ट्रपति को हटाने को लेकर अभी कोई निर्णय नहीं: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार

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  • Publish Date - October 23, 2024 / 09:10 PM IST,
    Updated On - October 23, 2024 / 09:10 PM IST

(अनिसुर रहमान)

ढाका, 23 अक्टूबर (भाषा) बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने बुधवार को कहा कि उसने राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन को पद से हटाने के बारे में कोई निर्णय नहीं लिया है।

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने यह बात ऐसे समय कही जब एक दिन पहले प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास पर धावा बोलने की कोशिश की थी और शेख हसीना के इस्तीफे पर सवाल उठाने वाली टिप्पणी को लेकर उनसे पद छोड़ने की मांग की थी।

शहाबुद्दीन ने पिछले सप्ताह बांग्ला दैनिक ‘मनाब जमीन’ के साथ एक साक्षात्कार में कहा था कि उनके पास इस बात का कोई दस्तावेजी सबूत नहीं है कि शेख हसीना ने अगस्त में छात्रों के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर हुए विरोध प्रदर्शनों के बीच देश से चले जाने से पहले प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।

मंगलवार को सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास बंगभवन पर धावा बोलने की कोशिश की और शहाबुद्दीन के इस्तीफे की मांग की। प्रदर्शनकारी पुलिसकर्मियों से भिड़ गए। बाद में पुलिसकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को राष्ट्रपति भवन में प्रवेश करने से रोकने के लिए ध्वनि ग्रेनेड दागे। स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए सेना के जवानों ने अंततः हस्तक्षेप किया।

मीडिया की खबरों के अनुसार, रात में हुई झड़प में तीन प्रदर्शनकारी घायल हो गए।

मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल आलम से जब राष्ट्रपति शहाबुद्दीन को पद से हटाने के बारे में सरकार के रुख के बारे में पूछा गया तो उन्होंने एक प्रेसवार्ता में कहा, ‘‘इस मामले में अंतरिम सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया है।’’ उन्होंने कहा कि सरकार ने बंगभवन के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी है और प्रदर्शनकारियों से इलाका खाली करने को कहा है।

आलम की यह टिप्पणी पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल द्वारा मुख्य सलाहकार यूनुस से मुलाकात के कुछ ही देर बाद आयी। प्रतिनिधिमंडल ने उनसे कोई भी नया संवैधानिक संकट उत्पन्न होने के खिलाफ सावधान रहने को कहा।

बीएनपी प्रतिनिधिमंडल के नेता नजरुल इस्लाम खान ने यूनुस के साथ अपनी लगभग 30 मिनट की बैठक के बाद, मुख्य सलाहकार के आधिकारिक जमुना निवास के सामने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति के इस्तीफे या उन्हें हटाने के मुद्दे पर विशेष रूप से चर्चा नहीं की।

यह पूछे जाने पर कि क्या बीएनपी प्रतिनिधिमंडल और यूनुस के बीच राष्ट्रपति के इस्तीफे पर कोई चर्चा हुई, उन्होंने कहा, ‘‘(लेकिन) हमने पाया कि सभी को सावधान रहना होगा ताकि कोई संवैधानिक या राजनीतिक संकट फिर से पैदा न हो।’’

आलम ने यूनुस के साथ बीएनपी की बैठक को एक ‘‘राजनीतिक वार्ता’ का हिस्सा बताया।

इस बीच सूचना मंत्रालय के सलाहकार नाहिद इस्लाम ने कहा कि राष्ट्रपति पद पर बने रहेंगे या नहीं, यह वर्तमान में कोई कानूनी या संवैधानिक प्रश्न नहीं है, बल्कि एक राजनीतिक निर्णय है।

इस्लाम ‘एंटी-डिस्क्रिमिनेशन स्टूडेंट्स मूवमेंट’ के एक नेता भी है जिसने हसीना को पद से हटाने के लिए आंदोलन किया था।

उन्होंने कहा, ‘‘यह अंतरिम सरकार लोगों के समर्थन से बनी है। हमने देश की स्थिरता और सुरक्षा के लिए मौजूदा संविधान और उस समय के राष्ट्रपति को बरकरार रखते हुए सरकार बनायी है।’’

इस्लाम ने कहा, ‘‘अगर हमें लगता है कि यह व्यवस्था अंतरिम सरकार की गतिविधियों में बाधा डाल रही है या लोग इससे असंतुष्ट हैं, तो हम इस मामले पर विचार करेंगे और इसका पुनर्मूल्यांकन करेंगे।’’

बांग्ला दैनिक के साथ साक्षात्कार में शहाबुद्दीन ने कहा कि उन्होंने सुना है कि हसीना ने बांग्लादेश छोड़ने से पहले प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन उनके पास इसका कोई दस्तावेजी सबूत नहीं है।

राष्ट्रपति ने कहा कि कई प्रयासों के बावजूद उन्हें कोई भी दस्तावेज नहीं मिल पाया। शहाबुद्दीन ने कहा, ‘‘शायद उनके पास समय नहीं था।’’

कानूनी विशेषज्ञों का मानना ​​है कि हसीना के पद से हटने और संसद भंग होने के बाद मौजूदा वास्तविकता के बीच राष्ट्रपति के बयान का कोई खास महत्व नहीं है।

इस बीच, ‘द डेली स्टार’ समाचार पत्र की खबर के अनुसार बंगभवन के मुख्य द्वार पर बैरिकेड के साथ-साथ कंटीले तारों की बाड़ लगाई गई है, जबकि एपीबीएन (सशस्त्र पुलिस बटालियन), बीजीबी (बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश), पुलिस और सेना के जवानों को इलाके के चारों ओर सशस्त्र चौकियों पर तैनात किया गया है।

अखबार ने बताया कि विरोध प्रदर्शन के और बढ़ने की स्थिति में बख्तरबंद कार्मिक वाहक (एपीसी), पानी की बौछारें और दंगा नियंत्रण वाहन भी तैयार रखे गए हैं।

हालांकि, मंगलवार से बंगभवन के बाहर विभिन्न समूहों द्वारा प्रदर्शन किए जाने के कारण तनाव बना हुआ है।

इससे पहले मंगलवार को, ‘एंटी-डिस्क्रिमिनेशन स्टूडेंट्स मूवमेंट’ ने सात दिनों में शहाबुद्दीन को हटाने की समय सीमा तय की थी तथा पांच सूत्री मांग रखी थी जिसमें बांग्लादेश के संविधान को खत्म करना भी शामिल था।

भाषा अमित माधव

माधव