इस्लामाबाद: Imran Khan GOVT on 25th पाकिस्तान की राजनीति में इन दिनों हड़कंप मचा हुआ है। कहा जा रहा है कि सेना ने इरफान सरकार के सिर से हाथ उठा लिया है और 25 मार्च को इमरान की सत्ता से विदाई होने वाली है। वहीं, 27 मार्च को इमरान खान इस्लामाबाद में विशालकाय रैली का आह्वान किया है। जिसके बाद सवाल उठ रहे हैं, कि क्या इमरान खान देश में ‘विद्रोह’ करेंगे।
Imran Khan GOVT पाकिस्तान नेशनल असेंबली (एनए) के अध्यक्ष असद कैसर ने नेशनल असेंबली सचिवालय से आज एक अधिसूचना जारी करते हुए कहा है कि, 25 मार्च (शुक्रवार) को सुबह 11 बजे प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर विचार करने के लिए निचले सदन का सत्र बुलाया है। आपको बता दें कि, प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ 8 मार्च को पाकिस्तान की विपक्षी पार्टियों ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था और अभी तक नेशनल असेंबली के द्वारा संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर वोट कराने के लिए तारीख तय नहीं की गई थी, जिसको लेकर विपक्ष ने ओआईसी की बैठक में धरना देने की धमकी दी थी। जिसके बाद फौरन नेशनल असेंबली के स्पीकर ने तारीख का ऐलान कर कर दिया है।
दरअसल, इमरान खान अपनी सरकार बचाने के एड़ी-चोटी का जोड़ लगा रहे हैं। इस बीच पाकिस्तान में इस्लामिक देशों के संगठन ‘OIC’ की बैठक भी 22 और 23 मार्च को होने वाली है। लिहाजा, नेशनल असेंबली के स्पीकर ने अब संसद का सत्र 25 मार्च को रखा है। स्पीकर ने पाकिस्तान की विपक्षी पार्टियों के अनुरोध पर संसद का ये सत्र बुलाया है और माना जा रहा है कि, उसी दिन इमरान खान को संसद में बहुमत साबित करने के लिए कहा जाएगा। पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 54 के अनुसार, एक बार जब नेशनल असेंबली बुलाने के लिए एक सत्र में कम से कम 25 प्रतिशत सदस्यों के हस्ताक्षर के साथ मांग की जाती है, तो स्पीकर के पास एक सत्र बुलाने के लिए अधिकतम 14 दिन का समय होता है और ये समय 22 मार्च को ही खत्म हो रहा था, लिहाजा अब सत्र 25 मार्च को बुलाने का फैसला किया गया है।
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इमरान खान पर इस्तीफा देने के लिए भारी दबाव है और खुफिया इनपुट से संकेत मिलता है कि सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा और डीजी (आईएसआई) लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम सहित चार वरिष्ठतम पाकिस्तानी सेना जनरलों ने ओआईसी की बैठक के बाद प्रधानमंत्री इमरान खान को पद छोड़ने के लिए कहा है। यहां तक कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी का बहुप्रचारित तुरुप का पत्ता, पूर्व सेना प्रमुख जनरल राहील शरीफ भी सेना और इमरान खान के बीच मध्यस्थता करवाने में नाकाम रहे। यह भी पता चला है कि, जनरल राहील शरीफ इमरान खान के कहने पर जनरल बाजवा से मिलने के लिए पाकिस्तान आये थे, लेकिन सेना प्रमुख को नहीं समझा सके, कि इमरान खान को एक और मौका दिया जाना चाहिए।
दिल्ली पहुंचने वाली खबरों के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना अपने इस आकलन में एकजुट है, कि इमरान खान को पद छोड़ देना चाहिए क्योंकिस, लगातार राजनीतिक उथल-पुथल पाकिस्तान के हित में नहीं है, जो पहले से ही गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है। सेना भी पीएम खान से यूक्रेन संकट पर अमेरिका और यूरोपीय संघ के खिलाफ अनावश्यक बयानबाजी करने और अफगानिस्तान को लेकर इमरान खान ने जिस तरह से अमेरिका और पश्चिमी देशों के खिलाफ टिप्पणियां की हैं, उससे पाकिस्तान की सेना में भारी नाराजगी है।
पाकिस्तानी पत्रकारों का कहना है कि, पाकिस्तान की सेना हमेशा से अमेरिका के करीब रही है, जबकि इमरान खान की बयानबाजी सेना के हित में नहीं थी। जिसको लेकर पाकिस्तानी सेना द्वारा ओआईसी सम्मेलन के बाद पीएम खान को इस्तीफा देने के लिए कहा गया है और पाकिस्तान की विपक्षी पार्टियों को भी सेना से इशारा मिल चुका है, लिहाजा, विपक्षी पार्टियों ने ओआईसी की बैठक में भी धरना देने की चेतावनी दी थी और उसी के बाद संसद का सत्र आनन-फानन में 25 मार्च को बुलाया गया है।
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इस्लामाबाद में राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि, पीएम खान जनरल बाजवा को भी बर्खास्त कर सकते हैं क्योंकि पाकिस्तान के राष्ट्रपति जुल्फिकार अली भुट्टो ने मार्च 1972 में कार्यवाहक सेना प्रमुख जनरल गुल हसन खान और वायु सेना प्रमुख एयर मार्शल अब्दुल रहीम खान को बर्खास्त कर दिया था। लेकिन, राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि, जनरल बाजवा के पीछे सेना के तमाम वरिष्ठ अधिकारी हैं और जनरल बाजवा भी सरकार का तख्तापलट करने का कोई इरादा नहीं रखते हैं, लिहाजा इमरान खान के लिए ऐसा करना काफी मुश्किल होगा।
वहीं, इमरान खान ने 27 मार्च को इस्लामाबाद के डी-चौक पर विशालकाय रैली का आह्वान किया है और इमरान खान ने अपने ट्वीट में बड़ी संख्या में पीटीआई समर्थकों को जुटने का आह्वान किया है। प्रधानमंत्री इमरान खान ने रविवार को कहा कि, वह चाहते हैं कि पाकिस्तान की आत्मा के लिए लड़ने के लिए सार्वजनिक उपस्थिति के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए जाएं। पीएम इमरान ने ट्विटर पर कहा कि, “हम, जो सही है उसके साथ खड़े हैं और राजनीतिक माफियाओं द्वारा उनकी लूटी गई संपत्ति की रक्षा के लिए राजनेताओं की आत्मा की इस तरह की बेशर्म खरीद की निंदा करते हैं।”
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पाकिस्तान की विपक्षी पार्टियों के पास कुल 162 एमएनए (नेशनल एसेंबली मेंबर) हैं। 342 एमएनए वाली एसेंबली में प्रस्ताव पारित करने के लिए विपक्ष को 10 और वोटों की जरूरत है। विपक्ष सरकार के 24 सदस्यों का समर्थन हासिल करने की भी बात कह रहा है। और समाचार लिखे जाने तक भी, इस्लामाबाद के सिंध हाउस में इमरान खान की पार्टी के 24 सांसद ‘छिपे’ हुए हैं, जिनको लेकर कल काफी हिंसा भी हुई थी। ऐसे में इमरान खान के लिए सरकार बचाना काफी मुश्किल साबित हो रहा है और इमरान खान भी जान गये हैं, कि अब उनकी सरकार नहीं बचेगी, लिहाजा उन्होंने अपनी नाक बचाने के लिए अब 27 मार्च को विशालकाय रैली का आह्वान किया है।
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InshaAllah 27th March Islamabad pic.twitter.com/pe6Ngyteyr
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) March 20, 2022