नाइजर के जुंटा शासन ने ‘झूठी खबर फैलाने’ का आरोप लगाकर ‘बीबीसी’ को निलंबित किया |

नाइजर के जुंटा शासन ने ‘झूठी खबर फैलाने’ का आरोप लगाकर ‘बीबीसी’ को निलंबित किया

नाइजर के जुंटा शासन ने ‘झूठी खबर फैलाने’ का आरोप लगाकर ‘बीबीसी’ को निलंबित किया

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Modified Date: December 13, 2024 / 12:10 PM IST
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Published Date: December 13, 2024 12:10 pm IST

डकार (सेनेगल), 13 दिसंबर (एपी) नाइजर में सत्तारूढ़ जुंटा (सैन्य) शासन ने एक चरमपंथी हमले की कवरेज के कारण ‘बीबीसी’ (ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन) का प्रसारण तीन महीने के लिए निलंबित कर दिया है।

अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इस हमले में कई नाइजीरियाई सैनिक और नागरिक कथित तौर पर मारे गए थे।

संचार मंत्री रालिउ सिदी मोहम्मद ने बृहस्पतिवार को ‘बीबीसी’ की सामग्री का पुनः प्रसारण करने वाले रेडियो स्टेशनों को लिखे पत्र में कहा, ‘‘‘बीबीसी’ सामाजिक शांति को अस्थिर करने और सैनिकों के मनोबल को कम करने के उद्देश्य से गलत जानकारी प्रसारित करता है।’’

मोहम्मद ने रेडियो स्टेशनों से ‘बीबीसी’ के कार्यक्रमों को ‘‘तत्काल प्रभाव से’’ निलंबित करने को कहा।

‘बीबीसी’ ने कहा कि वह निलंबन पर कोई टिप्पणी नहीं करेगा।

लोकप्रिय ‘बीबीसी’ कार्यक्रम में नाइजर में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा ‘हौसा’ में प्रसारित कार्यक्रम भी शामिल हैं। ये कार्यक्रम स्थानीय रेडियो साझेदारों के माध्यम से मध्य अफ्रीकी देश में प्रसारित किए जाते हैं ताकि पूरे क्षेत्र में बड़ी संख्या में दर्शक वर्ग तक पहुंच सकें।

ब्रिटिश प्रसारक ने बुधवार को हौसा में अपनी वेबसाइट पर खबर दी थी कि बंदूकधारियों ने बुर्किना फासो की सीमा के पास दो गांवों में 90 से अधिक नाइजीरियाई सैनिकों और 40 से अधिक नागरिकों की हत्या कर दी थी।

फ्रांसीसी प्रसारक रेडियो फ्रांस इंटरनेशनल, जिसे आरएफआई के नाम से भी जाना जाता है, ने भी हमले की सूचना दी और इसे जिहादी हमला बताया तथा मरने वालों की संख्या भी उतनी ही बताई थी।

नाइजर के अधिकारियों ने सरकारी टेलीविजन पर दिए गए एक बयान में इस बात से इनकार किया कि इस क्षेत्र में कोई हमला हुआ है। उन्होंने कहा कि वे आरएफआई के खिलाफ ‘‘नरसंहार के लिए उकसाने’’ का मामला दर्ज करेंगे।

नाइजर, अपने पड़ोसी बुर्किना फासो और माली के साथ एक दशक से अधिक समय से जिहादी समूहों के विद्रोह से जूझ रहा है, जिसमें अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट समूह से जुड़े कुछ समूह भी शामिल हैं। हाल के वर्षों में तीनों देशों में सैन्य तख्तापलट के बाद सत्तारूढ़ जुंटा ने फ्रांसीसी सेनाओं को देश से बाहर कर दिया और सुरक्षा सहायता के लिए रूस की निजी सैन्य इकाइयों का रुख किया है।

एपी

सुरभि मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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