नवनियुक्त अमेरिकी एनएसए ने बाइडन प्रशासन की चीन नीति के कई पहलुओं को जारी रखने का संकेत दिया

नवनियुक्त अमेरिकी एनएसए ने बाइडन प्रशासन की चीन नीति के कई पहलुओं को जारी रखने का संकेत दिया

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  • Publish Date - January 16, 2025 / 09:44 AM IST,
    Updated On - January 16, 2025 / 09:44 AM IST

(ललित के झा)

वाशिंगटन, 16 जनवरी (भाषा) अमेरिका के नवनियुक्त राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) माइक वाल्ट्ज ने निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडन की चीन एवं हिंद-प्रशांत संबंधी नीति के कई पहलुओं को जारी रखने के संकेत दिए हैं।

यूएस इंस्टीट्यूट ऑफ पीस (यूएसआईपी) में एक सत्र में भाग लेते हुए माइक वाल्ट्ज ने यह बात कही।

माइक वाल्ट्ज 20 जनवरी को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने वाले डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार का कार्यभार संभालेंगे।

वाल्ट्ज ने निवर्तमान एनएसए जेक सुलिवन के साथ परिचर्चा में कहा, ‘‘नवनिर्वाचित राष्ट्रपति का दृढ़ विश्वास है कि हम चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ टकराव से बच सकते हैं क्योंकि उन्हें हमारे बाजारों की आवश्यकता है। हम इस प्रभाव का उपयोग जब तक कर सकते हैं तब तक उसी तरीके से करने जा रहे हैं जो हमारे पास है और हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के अनुरूप है।’’

वाल्ट्ज ने पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एवं सत्र संचालक स्टीफन जे. हेडली से बातचीत में यह भी संकेत दिया कि वह पिछली कांग्रेस (अमेरिकी संसद) में ‘अमेरिका-इंडिया कॉकस’ के लिए रिपब्लिकन पार्टी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। सुलिवन ने वहां उपस्थित लोगों को बताया कि वाल्ट्ज भारत में बहुत लोकप्रिय हैं और ‘अमेरिका-इंडिया कांग्रेसनल कॉकस’ भी बहुत लोकप्रिय है। सुलिवन पिछले सप्ताह भारत यात्रा पर आए थे।

सुलिवन ने कहा, ‘‘मैं पिछले सप्ताह ही भारत में था। वे आपको ‘इंडिया कॉकस’ के सह-अध्यक्ष के रूप में पसंद करते हैं। वे ‘इंडिया कॉकस’ से प्यार करते हैं, इसलिए वे आपके पदासीन होने से उत्साहित हैं।’’

वाल्ट्ज ने कहा कि ऑकस (ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, अमेरिका का त्रिपक्षीय सुरक्षा समझौता) और क्वाड (भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया का चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद) ऐसे क्षेत्र हैं जो एक प्रशासन से दूसरे प्रशासन में जारी रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘साझेदारियों और गठबंधनों को मजबूत बनाए रखले के लिए मैं निश्चित रूप से इस प्रशासन को कुछ श्रेय देता हूं। ये साझेदारियां हैं दक्षिण कोरिया, अमेरिका और जापान के बीच त्रिपक्षीय वार्ता और फिर अमेरिका, जापान और फिलीपीन के बीच वार्ता, जो वास्तव में उन देशों और उन सरकारों को एक स्वतंत्र एवं खुले हिंद-प्रशांत के साझा दृष्टिकोण के साथ ऐतिहासिक दुश्मनी को दूर करने में मदद कर रही हैं।’’

वाल्ट्ज ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘मुझे लगता है कि ये सभी चीजें जारी रहेंगी और मैं भविष्य में एक महत्वपूर्ण साझेदार के रूप में भारत का उल्लेख करूंगा।’’

सुलिवन ने अपने उत्तराधिकारी की बातों से सहमति जताई। उन्होंने कहा, ‘‘मैं माइक की हर बात से सहमत हूं। मैं कहूंगा कि एक अच्छी चीन रणनीति, एक अच्छी एशिया रणनीति है और इसका मतलब है कि हमने अपने सहयोगियों और भागीदारों के संबंध में जो काम किया है, जिनमें से कुछ काम हमें विरासत में मिला और कुछ हमने आगे बढ़ाया। मुझे लगता है कि इस संबंध में निरंतरता बनी हुई है।’’

सुलिवन ने कहा कि चीन कुछ कठिन चुनौतियों का सामना कर रहा है।

भाषा सुरभि वैभव

वैभव