(के जे एम वर्मा)
बीजिंग, एक दिसंबर (भाषा) नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली सोमवार को चार दिवसीय यात्रा पर चीन आएंगे। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच बीआरआई परियोजनाओं को पुनर्जीवित करने की नई योजना पर चर्चा होने की उम्मीद है।
विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने शुक्रवार को यहां कहा कि ओली दो से पांच दिसंबर तक चीन की आधिकारिक यात्रा पर रहेंगे। उन्होंने कहा कि इस दौरान चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग उनसे मुलाकात करेंगे।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ली क्विंग और अन्य अधिकारी ओली से बातचीत करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘ओली ने नेपाल के प्रधानमंत्री के रूप में दो बार चीन का दौरा किया और चीन-नेपाल संबंधों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘दोनों देशों के नेता हमारी पारंपरिक मित्रता को मजबूत करने, बेल्ट एंड रोड (बीआरआई) सहयोग का विस्तार करने और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के साथ-साथ आपसी हित के अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर विचारों का गहन आदान-प्रदान करेंगे।’’
चीन समर्थक नेता माने जाने वाले ओली नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) और नेपाली कांग्रेस की गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं, जो चीन और भारत के साथ संतुलित संबंध चाहती है।
ओली नेपाली प्रधानमंत्रियों द्वारा पदभार ग्रहण करने के बाद अपने पड़ोस में भारत को पहला गंतव्य बनाने की आम परंपरा को तोड़ रहे हैं जबकि मीडिया में ऐसी खबरें हैं कि उन्हें नई दिल्ली से निमंत्रण नहीं मिला है।
नेपाली कांग्रेस की ओर से नेपाली विदेश मंत्री आरजू राणा देउबा ने पदभार ग्रहण करने के बाद भारत का दौरा किया था और भारत के अपने समकक्ष एस जयशंकर के साथ व्यापक वार्ता की थी।
नेपाल मीडिया की खबरों के अनुसार ओली की यात्रा का मुख्य उद्देश्य 2017 में दोनों देशों के बीच हस्ताक्षरित ‘बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव’ (बीआरआई) परियोजनाओं को पुनर्जीवित करना है। नेपाल दक्षिण एशिया में बीआरआई पर हस्ताक्षर करने वाले शुरुआती देशों में से एक था।
नेपाल के दैनिक अखबार ‘काठमांडू पोस्ट’ की खबर के अनुसार, महत्वपूर्ण बात यह है कि अभी तक बीआरआई के तहत एक भी परियोजना क्रियान्वित नहीं की गई है।
बीआरआई एक व्यापक परियोजना है जो चीन को दक्षिण पूर्व एशिया, मध्य एशिया, रूस और यूरोप से जोड़ती है।
खबर के अनुसार ओली की यात्रा के दौरान जिन परियोजनाओं पर हस्ताक्षर किए जाने की संभावना है उनमें कोशी कॉरिडोर का हिस्सा बनने वाली सड़क परियोजनाएं भी शामिल हैं, जिसका उद्देश्य नेपाल को तिब्बत के शिगात्से से जोड़ना है।
भाषा
देवेंद्र नरेश
नरेश