नेपाल के पूर्व नरेश ने राजशाही समर्थक विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा पर दुख जाहिर किया

नेपाल के पूर्व नरेश ने राजशाही समर्थक विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा पर दुख जाहिर किया

नेपाल के पूर्व नरेश ने राजशाही समर्थक विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा पर दुख जाहिर किया
Modified Date: April 13, 2025 / 07:41 pm IST
Published Date: April 13, 2025 7:41 pm IST

(शिरीष बी. प्रधान)

काठमांडू, 13 अप्रैल (भाषा) नेपाल के पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र शाह ने रविवार को काठमांडू के तिनकुने इलाके में पिछले महीने राजशाही समर्थक प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा पर दुख जताया।

तिनकुने इलाके में 28 मार्च को राजशाही समर्थकों द्वारा किए गए हिंसक विरोध प्रदर्शन के दौरान एक फोटो पत्रकार सहित दो लोगों की मौत हो गई और 110 से अधिक लोग घायल हो गए थे।

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ये लोग राजशाही की पुनः बहाली और हिंदू राष्ट्र की स्थापना की मांग कर रहे थे।

शाह ने नेपाली नववर्ष 2082 की पूर्व संध्या पर एक वीडियो संदेश में कहा, “कुछ दिन पहले विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा, आगजनी और बर्बरता से हुए मानवीय व संपत्तियों के नुकसान के बारे में सुनकर बहुत दुख हुआ।”

शाह ने कहा, “नागरिक स्वतंत्रता की गारंटी के मामले में लोकतंत्र से बड़ी कोई व्यवस्था नहीं है।”

उन्होंने कहा कि जिन जगहों पर सच्चा लोकतंत्र कायम है, वहां जनता की प्रशंसा और आलोचना दोनों सुनने की परंपरा व संस्कृति है।

नेपाल, हिमालयी राष्ट्र के आधिकारिक कैलेंडर ‘बिक्रम युग कैलेंडर’ के अनुसार नववर्ष 2082 मना रहा है।

नेपाली कैलेंडर के अनुसार, बैसाख का पहला दिन, नववर्ष का दिन है, जो इस वर्ष 14 अप्रैल को पड़ा है।

भाषा जितेंद्र नरेश

नरेश


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