नईदिल्ली। नेपाल ने भारत और चीन के साथ संबंधों को नुकसान पहुंचाने की आशंका वाले एनजीओ पर प्रतिबंध लगाएगा। नेपाल सरकार की ओर से इसके लिए योजना पर काम किया जा रहा है। सीमा पार आतंकवाद और आपराधिक गतिविधियां भारत के लिए बड़ी चिंता का बड़ा कारण बने हुए हैं, जबकि चीन ने तिब्बतियों की गतिविधियों के बारे में नेपाल से शिकायत की है।
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार समाज कल्याण परिषद की ओर से तैयार की जा रही रणनीतिक नीति के मसौदे के मुताबिक संबंधों को संतुलित रखने की नेपाल की विदेश नीति के आधार पर उन गैर-सरकारी संगठनों पर रोक लगाई जाएगी, जो दोनों पड़ोसी देशों में से किसी देश का विरोध करता हो।
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तैयार किए जा रहे ड्राफ्ट के मुताबिक, ‘नेपाल सभी ओर से जमीन से घिरा हुआ देश है और उसके उत्तर और दक्षिण में दो बड़ी आबादी वाले देश (भारत और चीन) हैं।’ यह नीति एनजीओ को वैसे कार्यक्रम संचालित करने से हतोत्साहित करेगी, जो नेपाल के पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
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प्रस्तावित नीति का लक्ष्य एनजीओ की गतिविधियों, खासतौर पर सीमावर्ती क्षेत्रों से जुड़ी चिंताओं को दूर करना होगा। प्रस्तावित नीति का उद्देश्य इस बात पर जोर देना है कि नेपाल सरकार, खासतौर पर सीमावर्ती क्षेत्रों में, मदरसों एवं मठों के निर्माण के जरिए अंतरराष्ट्रीय एनजीओ की रणनीतिक गतिशीलता को लेकर चिंतित है।
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