म्यांमा में संकट की चेतावनी, बढ़ रहा संघर्ष और आपराधिक गतिविधियां चरम पर हैं: संयुक्त राष्ट्र दूत

म्यांमा में संकट की चेतावनी, बढ़ रहा संघर्ष और आपराधिक गतिविधियां चरम पर हैं: संयुक्त राष्ट्र दूत

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  • Publish Date - October 30, 2024 / 03:02 PM IST,
    Updated On - October 30, 2024 / 03:02 PM IST

संयुक्त राष्ट्र, 30 अक्टूबर (एपी) म्यांमा के लिए संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत ने चेतावनी दी कि दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्र संकट से जूझ रहा है। उन्होंने कहा कि म्यांमा में संघर्ष बढ़ रहा है, आपराधिक गतिविधियां चरम पर हैं और लोग गंभीर पीड़ा का सामना करने के लिए मजबूर हैं।

जूली बिशप ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा की मानवाधिकार समिति को बताया, “म्यांमा के कर्ता-धर्ताओं को मौजूदा हालात में अपनी मानसिकता से आगे बढ़ना चाहिए।”

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस द्वारा अप्रैल में नियुक्त किए जाने के बाद जूली ने अपनी पहली रिपोर्ट सौंपी।

म्यांमा में सेना ने फरवरी 2021 में आंग सान सू ची की निर्वाचित सरकार का तख्तापलट कर दिया था और लोकतांत्रिक शासन की वापसी की मांग कर रहे व्यापक अहिंसक विरोध-प्रदर्शनों को दबा दिया, जिससे देश में हिंसा और मानवीय संकट बढ़ गया।

पिछले एक वर्ष में तीन सशस्त्र समूहों ने कुछ क्षेत्रों पर अपना कब्जा कर लिया और हजारों की तादाद में नागरिकों को अपने घरों से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा।

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, म्यांमा में 30 लाख लोग विस्थापित हुए हैं और लगभग 1.86 करोड़ लोगों को मानवीय सहायता की आवश्यकता है।

जूली ने हिंसा को समाप्त करने का आह्वान करते हुए इस बात पर जोर दिया कि देश में सशस्त्र संघर्ष जारी रहने के बावजूद लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए थोड़ी बहुत मदद की जा सकती है।

ऑस्ट्रेलिया की पूर्व विदेश मंत्री ने कहा कि उन्होंने म्यांमा की राजधानी नेपीता में वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग सहित सरकार के साथ-साथ विपक्षी प्रतिनिधियों, मूल निवासी सशस्त्र संगठनों, महिला समूहों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और कई देशों के साथ बातचीत की है। हालांकि उन्होंने इन बैठकों के बारे में कोई विवरण नहीं दिया।

जूली ने कहा कि उन्होंने लाओस, इंडोनेशिया, मलेशिया में मौजूदा, पिछले और भावी आसियान अध्यक्षों के साथ बातचीत की है।

संयुक्त राष्ट्र दूत ने कहा कि उन्होंने म्यांमा के पड़ोसी देशों चीन और थाईलैंड का भी दौरा किया है और जल्द ही वह भारत और बांग्लादेश का दौरा करेंगी।

उन्होंने कहा, “वह म्यांमा के पड़ोसी देशों से अपने प्रभाव का लाभ उठाने का आग्रह करती रहेंगी।”

जूली ने कहा कि वह फिर से नेपीता भी जाएंगी लेकिन उन्होंने कोई समय सीमा नहीं बताई।

उन्होंने किसी भी बैठक के बारे में कोई विवरण नहीं दिया।

एपी जितेंद्र अविनाश

अविनाश