राष्ट्रपति से मिले मुथैया मुरलीधरन, भारत के लिए कही ये बात…

मुरलीधरन ने श्रीलंकाई राष्ट्रपति विक्रमसिंघे से मुलाकात की, भारत की ओर से हरसंभव मदद का भरोसा

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  • Publish Date - February 4, 2023 / 10:24 PM IST,
    Updated On - February 4, 2023 / 11:21 PM IST

कोलंबो ।विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने शनिवार को श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे सहित शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात की और कर्ज में डूबे इस देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में भारत की ‘प्रतिबद्धता’ जारी रखने का भरोसा दिलाया। मुरलीधरन श्रीलंका के 75वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए कोलंबो की यात्रा पर हैं। उन्होंने राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे से मुलाकात की तथा दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने के विभिन्न पहलुओं पर विचार विमर्श किया। उन्होंने श्रीलंका के 75वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से विक्रमसिंघे को बधाई भी दी। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘कोलंबो में श्रीलंका के राष्ट्रपति महामहिम रानिल विक्रमसिंघे से मुलाकात करके बेहद प्रसन्नता हुई। श्रीलंका के 75वें स्वतंत्रता दिवस पर उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की ओर से बधाई दी।” उन्होंने यह भी लिखा, ‘‘बढ़ती द्विपक्षीय साझेदारी के विविध पहलुओं पर चर्चा की।’’ मुरलीधरन ने श्रीलंका के विदेश मंत्री अली साबरी से भी मुलाकात की और उन्हें स्वतंत्रता दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।

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उन्होंने ट्वीट किया, “कोलंबो में श्रीलंका के विदेश मंत्री अली साबरी से मिलकर खुशी हुई। उन्हें 75वें स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी। श्रीलंका के आर्थिक सुधार में उसकी सहायता करने की भारत की निरंतर प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला।”इससे पहले मुरलीधरन ने श्रीलंका के स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग लिया, जिसमें अन्य विदेशी गणमान्य व्यक्तियों ने भी हिस्सा लिया।उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘यह मील का पत्थर दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के 75 साल पूरे होने के साथ मेल खाता है। भारत हमेशा श्रीलंका का भरोसेमंद साथी और भरोसेमंद दोस्त रहा है।’’ मुरलीधरन ने श्रीलंका में भारतीय प्रवासियों के साथ भी बातचीत की।

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उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘भारत और श्रीलंका के बीच आर्थिक और दोनों देशों के नागरिकों के बीच संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान की सराहना की। उनकी भूमिका आज और भी महत्वपूर्ण हो गयी है जब श्रीलंका आर्थिक सुधार के रास्ते पर है।’’ भारतीय मूल के लोगों (पीआईओ) में सिंधी, बोराह, गुजराती, मेमन, पारसी, मलयाली और तेलुगु भाषी व्यक्ति शामिल हैं, जो (अधिकांश विभाजन के बाद) श्रीलंका में बस गए हैं और विभिन्न व्यावसायिक उपक्रमों में लगे हुए हैं। कोलंबो में भारतीय मिशन के अनुसार, अनौपचारिक आंकड़ों से पता चलता है कि लगभग 14,000 प्रवासी भारतीय श्रीलंका में रह रहे हैं। मुरलीधरन ने कोलंबो के पवित्र गंगारामया मंदिर में महात्मा बुद्ध की पूजा अर्चना की।= विदेश राज्य मंत्री ने भारत और श्रीलंका के बीच घनिष्ठ सभ्यतागत संबंधों पर प्रकाश डाला, जिसमें बौद्ध धर्म का भी योगदान है। भारत ऋणग्रस्त श्रीलंका को सहायता प्रदान करने वाला का एक प्रमुख देश रहा है। पिछले साल, भारत ने आर्थिक संकट से उबारने के लिए श्रीलंका को 3.9 अरब अमरीकी डॉलर का समर्थन दिया था।

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