ह्यूस्टन। दुनियाभऱ में मौसम में कई बदलाव देखने को मिले हैं। साल भर में कई चक्रवाती तूफानों की संख्या बढ़ी है। गर्मी में बारिश।। बारिश के दिनों भी पानी नहीं गिरने जैसे बदलाव देखने को मिल रहे हैं।
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अमेरिकी रिसर्च सेंटर नासा की माने तो चांद में बदलाव देखने को मिल सकता है। चांद हमेशा से समुद्री लहरों पर असर डालता है और चांद अपनी कक्षा में जरा सा भी बदलाव करते है तो धरती के कई तटीय इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगता है। नासा की यह स्टडी पिछले महीने नेचर क्लाइमेट चेंज में प्रकाशित हुई है।
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नासा ने बताया कि चांद के 18।6 साल की सर्कल का आधा हिस्सा शुरू होने वाले है, जो धरती की लहरों को तेज करेगा। अगले 9 साल में यानी साल 2030 तक वैश्विक समुद्री जलस्तर काफी ज्यादा बढ़ चुका होगा और इसकी वजह से दुनिया के कई देशों में तटीय इलाकों में बाढ़ आ सकती है।
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नासा की स्टडी के अनुसार, हर बार चांद की स्थिति बदलना खतरनाक होगा और तटीय इलाकों पर आने वाले न्यूसेंस फ्लड की संख्या भी बढ़ती जाएगी। इससे बचने के लिए दुनियाभर की सरकारों को योजनाएं बनानी होंगी और ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन कम करना होगा।
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नेशनल ओशिएनिक एंड एटमॉस्फियरिक एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक साल 1880 से अब तक समुद्री जलस्तर 8 से 9 इंच तक बढ़ चुका है और इसमें से एक तिहाई यानी करीब 3 इंच बढ़ोतरी पिछले 25 सालों में हुई है।