अमेरिका में करोड़ों लोग कुएं का पानी इस्तेमाल करते, लेकिन बहुत कम व्यक्ति कराते हैं पेयजल की जांच

अमेरिका में करोड़ों लोग कुएं का पानी इस्तेमाल करते, लेकिन बहुत कम व्यक्ति कराते हैं पेयजल की जांच

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  • Publish Date - October 13, 2024 / 04:51 PM IST,
    Updated On - October 13, 2024 / 04:51 PM IST

(गेब्रियल लेड, एसोसिएट प्रोफेसर, अर्थशात्र, मेकालेस्टर कॉलेज)

वाशिंगटन, 13 अक्टूबर (द कन्वरसेशन) अमेरिका में 2.3 करोड़ से अधिक परिवार पेयजल के प्राथमिक स्रोत के रूप में निजी कुओं पर निर्भर हैं। ऐसे कुओं वाले मकानों के मालिक खुद यह सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह जिम्मेदार हैं कि उनके कुओं का पानी मानव उपयोग के लिए सुरक्षित है।

कई अध्ययनों से पता चलता है कि ऐसे आधे लोग समय-समय पर पेयजल की जांच कर रहे हैं और बहुत कम परिवार सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों के सुझाव के अनुसार साल में एक या उससे ज्यादा बार जांच करते हैं। यहां तक कि आयोवा में, जहां निजी कुओं के उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा के लिए सबसे मजबूत राज्य-स्तरीय नीतियां हैं, वहां भी मुफ्त निजी जल की गुणवत्ता के परीक्षण के लिए राज्य निधि नियमित रूप से खर्च नहीं की जाती है।

ऐसे में सवाल उठता है कि ये परिवार जो पानी पी रहे हैं क्या वह सुरक्षित है? इसके बारे में बहुत अधिक व्यवस्थित प्रमाण नहीं हैं, लेकिन अगर यह जल पीने के हिसाब से सुरक्षित नहीं है तो जोखिम बहुत बड़ा हो सकता है।

अमेरिकी पर्यावरण संरक्षण एजेंसी (ईपीए) अब भी 15 वर्ष पुराने अध्ययन पर निर्भर है, जिसमें कहा गया है कि पांच में से एक घर के कुएं के पानी में कम से कम एक प्रदूषक का स्तर सार्वजनिक जल प्रणालियों की निर्धारित सीमा से अधिक है। जबकि अन्य शोधकर्ताओं ने इस मुद्दे का अध्ययन किया है, अधिकांश निष्कर्ष निकालने के लिए सीमित या दशकों पहले एकत्र आंकड़ों पर निर्भर हैं।

मैं एक अर्थशास्त्री हूं जो ऊर्जा और कृषि मुद्दों का अध्ययन करता हूं। हाल ही में किए गए एक अध्ययन में, मैंने आयोवा स्टेट यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी ऑफ मैसाचुसेट्स एमहर्स्ट और कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के सहकर्मियों के साथ मिलकर निजी कुओं का उपयोग करने वाले परिवारों की पीने के पानी से संबंधित धारणाओं को समझने का काम किया।

हमने ग्रामीण आयोवा पर ध्यान केंद्रित किया, जहां कृषि उत्पादन से उत्पन्न अपशिष्ट नियमित रूप से सार्वजनिक और निजी पेयजल स्रोतों को दूषित करता है।

हमने पाया कि बहुत कम घरों ने अपने कुएं के पानी की जांच के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य दिशा-निर्देशों का पालन किया, हालांकि उन्हें पीने के पानी के खतरों और आसान परीक्षण के बारे में बुनियादी जानकारी भेजने से परीक्षण के मामलो में वृद्धि हुई।

नाइट्रेट की समस्या

हमने नाइट्रेट पर ध्यान केंद्रित किया, जो ग्रामीण क्षेत्रों में कुओं के पानी के मुख्य प्रदूषकों में से एक है। प्रमुख स्रोतों में रासायनिक उर्वरक, पशु अपशिष्ट और मानव मल शामिल हैं।

नाइट्रेट युक्त पानी पीने से मानव स्वास्थ्य को नुकसान हो सकता है। दूषित पानी का उपयोग करने से ‘ब्लू बेबी सिंड्रोम’ हो सकता है, जिसमें शिशुओं के हाथ और होंठ नीले पड़ जाते हैं क्योंकि नाइट्रेट शिशुओं के रक्त में ऑक्सीजन के संचार में बाधा डालता है।

गंभीर मामलों में सुस्ती, दौरे पड़ने की समस्या और यहां तक ​​कि मौत भी हो सकती है। इस प्रभाव को रोकने के लिए पर्यावरण संरक्षण एजेंसी (ईपीए) सार्वजनिक जल प्रणालियों में नाइट्रेट के स्तर को 10 मिलीग्राम प्रति लीटर तक सीमित करती है।

अध्ययनों में यह भी पाया गया है कि सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए, लम्बे समय तक कम नाइट्रेट युक्त पानी पीने से दीर्घकालिक स्वास्थ्य संबंधी बीमारियां होने की प्रबल आशंका होती है, जिनमें कोलोरेक्टल कैंसर और थायरॉयड रोग के साथ ही विकासशील भ्रूणों में ‘न्यूरल ट्यूब दोष’ होना शामिल है।

नाइट्रेट प्रदूषण अमेरिकी महाद्वीप में व्यापक रूप से फैला हुआ है। सौभाग्य से, यह निर्धारित करना अपेक्षाकृत आसान है कि पानी में असुरक्षित नाइट्रेट मिला हुआ है या नहीं। स्विमिंग पूल में इस्तेमाल होने वाली ‘टेस्ट स्ट्रिप्स’ जैसी चीजें सस्ती और आसानी से उपलब्ध हैं।

पानी ठीक है…या नहीं

निजी कुओं वाले घरों के पतों की सूची मिलनी मुश्किल है, इसलिए हमारे अध्ययन के लिए हमने 14 आयोवा काउंटियों के मानचित्रों का उपयोग करके 22,000 से अधिक पतों को डिजिटल रूप दिया।

हमने उन काउंटियों की पहचान की, जहां सार्वजनिक जल प्रणालियों ने पीने के पानी में नाइट्रेट के लिए ईपीए सुरक्षा मानकों को पूरा करने के लिए संघर्ष किया, और जहां पिछले 20 वर्षों में परीक्षण किए गए निजी कुओं में नाइट्रेट का मिश्रण चिंताजनक स्तर पर दिखाई दिया।

हमने जिन घरों का सर्वेक्षण किया, उनमें से आधे से ज्यादा घरों से हमें जवाब मिले। उनमें से 8,100 (37%) से कुछ अधिक घरों में निजी कुओं का इस्तेमाल होता था।

यद्यपि रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केन्द्र प्रतिवर्ष नाइट्रेट की जांच की सिफारिश करता है, परन्तु इनमें से केवल 9 प्रतिशत घरों ने ही पिछले वर्ष अपने जल की गुणवत्ता की जांच कराई थी।

इससे भी ज्यादा चिंता की बात यह है कि इस समूह के 40% लोग पीने के पानी के लिए अपने कुओं का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन उन्होंने पिछले साल पेयजल की जांच नहीं कराई थी। वे बिना यह जाने कि उनका पानी सुरक्षित है या नहीं, उसका सेवन कर रहे थे।

हमारे सर्वेक्षण से यह भी पता चला कि, उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में रहने के बावजूद, 77% परिवारों ने अपने कुएं के पानी की गुणवत्ता को ‘अच्छा’ या ‘बहुत बढ़िया’ बताया। हमारे सर्वेक्षण में शामिल लोगों के अनुसार नाइट्रेट पूरे आयोवा राज्य की एक समस्या है, न कि उनके क्षेत्र की।

जलवायु परिवर्तन से कुओं के पानी में नाइट्रेट संदूषण और भी खराब होने की संभावना है। ग्रेट लेक्स बेसिन समेत विभिन्न क्षेत्रों में, भारी वर्षा के मामलों में वृद्धि होने से खेतों से पोषक तत्व जलमार्गों के साथ बह जाने और भूजल में मिल जाने की आशंका है।

मैं उन विशेषज्ञों से काफी हद तक सहमत हूं जिन्होंने उन कृषि नीतियों पर पुनर्विचार करने का आह्वान किया जो उच्च पोषक तत्व प्रदूषण से जुड़ी फसलों, जैसे मकई, को बढ़ावा देती हैं। आर्द्रभूमि और घास के मैदानों का संरक्षण मददगार साबित हो सकता है क्योंकि ये दोनों सतही जल से पोषक तत्वों को छानते हैं। पर्यावरण संरक्षण एजेंसी कुओं के मालिकों को अपने पानी का परीक्षण या उपचार करने के लिए मजबूर नहीं कर सकती बल्कि यह उन घरों की उस समय सहायता कर सकती है जब उनके पीने के पानी में प्रदूषक पाए जाते हैं।

(द कन्वरसेशन) जोहेब संतोष

संतोष