मर्केल ने धुर दक्षिणपंथी समर्थन वाले प्रवासन वोट को लेकर अपनी पार्टी के नेता की आलोचना की

मर्केल ने धुर दक्षिणपंथी समर्थन वाले प्रवासन वोट को लेकर अपनी पार्टी के नेता की आलोचना की

  •  
  • Publish Date - January 30, 2025 / 06:36 PM IST,
    Updated On - January 30, 2025 / 06:36 PM IST

बर्लिन, 30 जनवरी (एपी) जर्मनी की पूर्व चांसलर एंजेला मर्केल ने बृहस्पतिवार को देश के मध्य-दक्षिणपंथी नेता के रूप में अपने उत्तराधिकारी फ्रेडरिक मर्ज की सार्वजनिक रूप से आलोचना की, जो अगले महीने जर्मनी में होने वाले चुनाव में सबसे आगे हैं।

मर्ज ने नये कठोर प्रवासन नियमों के लिए संसद में प्रस्ताव रखा था, जिसे एक धुर दक्षिणपंथी पार्टी की मदद से पारित किया गया था।

जर्मनी की मध्य-वाम सत्तारूढ़ दलों ने इस बात पर संदेह जताया है कि क्या रूढ़िवादी नेता मर्ज पर अब भी भरोसा किया जा सकता है कि वह बुधवार के घटनाक्रमों के बाद धुर-दक्षिणपंथी ‘अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी’ या एएफडी को सत्ता में नहीं लाएंगे।

पिछले सप्ताह, एक शरणार्थी द्वारा चाकू से जानलेवा हमले के बाद अनियमित प्रवासन को कम करने के लिए अपने मध्य-दक्षिणपंथी यूनियन गठबंधन की प्रतिबद्धता को रेखांकित करने के लिए दृढ़ संकल्पित मर्ज ने प्रवासियों को वापस भेजने के लिए एक गैर-बाध्यकारी प्रस्ताव रखा, जो दक्षिणपंथी पार्टी के समर्थन के कारण तीन मतों के अंतर से पारित हुआ।

सर्वेक्षणों से पता चलता है कि मर्ज की मुख्यधारा की मध्य-दक्षिणपंथी यूनियन लगभग 30 प्रतिशत समर्थन के साथ आगे चल रही है, जबकि ‘अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी’ लगभग 20 प्रतिशत समर्थन के साथ दूसरे स्थान पर है, तथा चांसलर ओलाफ शोल्ज की वामपंथी सोशल डेमोक्रेट्स और उनके गठबंधन सहयोगी ग्रीन्स और भी पीछे हैं।

मर्ज की क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन (सीडीयू) की पूर्व नेता मर्केल ने एक बयान में उल्लेख किया कि मर्ज ने नवंबर में कहा था कि 23 फरवरी के चुनाव से पहले एएफडी के समर्थन से कोई भी प्रस्ताव पारित नहीं किया जाना चाहिए।

मर्केल ने कहा कि वह इस रुख का समर्थन करती हैं, लेकिन ‘‘मुझे लगता है कि इस प्रस्ताव के प्रति प्रतिबद्धता महसूस न करना और 29 जनवरी को जर्मन संसद में मतदान में एएफडी के समर्थन (वोट) से बहुमत प्राप्त करना गलत था।’’

वर्ष 2021 में मर्केल के चांसलर पद से हटने के बाद मर्ज ने सीडीयू की कमान संभाली थी। मर्केल की तुलना में अधिक रूढ़िवादी व्यक्ति होने के कारण उन्होंने प्रवासन पर अधिक कड़ा रुख अपनाया है।

एपी सुभाष रंजन

रंजन