माले, 22 अप्रैल (भाषा) मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की पार्टी ने संसदीय चुनाव में 71 सीट पर जीत दर्ज करके ‘‘प्रचंड बहुमत’’ हासिल कर लिया है। सोमवार को आए प्रारंभिक नतीजों से यह जानकारी मिली।
इस चुनाव को देश के राष्ट्रपति मुइज्जू के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जिनकी नीतियों पर मालदीव में प्रभाव बढ़ाने की कोशिश करते रहे भारत और चीन की नजर रहती है।
मुइज्जू के नेतृत्व वाली पीपुल्स नेशनल कांग्रेस (पीएनसी) ने रविवार को हुए चुनाव में 20वीं ‘पीपुल्स मजलिस’ (संसद) में 93 में से 68 सीट जीतीं और इसके गठबंधन साझेदारों-मालदीव नेशनल पार्टी (एमएनपी) तथा मालदीव डेवलेपमेंट एलायंस (एमडीए) ने क्रमश: एक और दो सीट जीती हैं जो कि संसद के दो-तिहाई बहुमत से अधिक है। इसके साथ ही पीएनसी को संविधान में संशोधन की शक्ति मिल गई है।
समाचार वेबसाइट ‘मिहारू’ के अनुसार, भारत समर्थक नेता माने जाने वाले पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम सोलेह की अगुवाई वाली मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) ने पिछली संसद में 65 सीट जीती थीं लेकिन इस बार उसे केवल 15 सीट ही मिली हैं।
चीन समर्थक माने जाने वाले मुइज्जू (45) ने कहा है कि वह अपने देश में भारत का प्रभाव कम करना चाहते हैं।
स्थानीय मीडिया ने रविवार को हुए चुनाव में पीएनसी की बड़ी जीत को ‘‘प्रचंड बहुमत’’ बताया है।
साल 2019 के चुनाव में तत्कालीन सत्तारूढ़ पार्टी एमडीपी ने 64 सीट के साथ संसद में प्रचंड बहुमत हासिल किया था जबकि तत्कालीन विपक्षी दल पीपीएम-पीएनसी गठबंधन को महज आठ सीट मिली थीं।
हिंद महासागर में सामरिक रूप से महत्वपूर्ण जगह पर स्थित मालदीव में संसदीय चुनाव के लिए आधिकारिक नतीजे इस सप्ताह तक आने की उम्मीद है।
देश के संसदीय चुनाव के लिए 368 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे। इनमें मुइज्जू की पीपुल्स नेशनल कांग्रेस (पीएनसी), मुख्य विपक्षी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) और 130 निर्दलीय शामिल हैं। करीब 40 उम्मीदवार महिलाएं थीं।
अभी के नतीजों से पता चलता है कि केवल तीन महिलाओं ने जीत दर्ज की है।
मालदीव के बाहर जिन देशों में मतदान के लिए मतपेटियां रखी गई थीं, उनमें भारत में तिरुवनंतपुरम, श्रीलंका में कोलंबो और मलेशिया में कुआलालंपुर शामिल हैं।
पीएनसी अध्यक्ष और राष्ट्रपति के विशेष सलाहकार अब्दुल रहीम अब्दुल्ला ने कहा कि नतीजे दिखाते हैं कि मालदीव के नागरिक नहीं चाहते कि देश को फिर से राजनीतिक अशांति के दौर में धकेला जाए।
रहीम ने कहा कि संसद में पीएनसी के प्रचंड बहुमत की वजह मुइज्जू की ठोस नीतियां हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘लोगों ने साबित कर दिया है कि वे देश को हमेशा के लिए राजनीतिक झगड़ों और चुनौतियों की दया पर नहीं छोड़ेंगे।’’
इस बीच, मुख्य विपक्षी दल एमडीपी ने एक बयान में कहा कि रविवार को हुए संसदीय चुनाव में हार के बावजूद वे सरकार को जवाबदेह ठहराने और लोकतांत्रिक सिद्धांतों को बरकरार रखने में अपनी भूमिका को लेकर अटल रहेंगे।
विपक्षी एमडीपी के अध्यक्ष फैयाज इस्लाइल ने संसदीय चुनाव में रविवार को मिली सफलता के लिए पीएनसी को बधाई दी।
भाषा
गोला नेत्रपाल
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