पेरिस, 27 मार्च (एपी) फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने बृहस्पतिवार को कहा कि यूक्रेन में शांति समझौते के लिए सैनिकों की प्रस्तावित तैनाती पर सभी यूरोपीय सहयोगी सहमत नहीं हैं और केवल कुछ ही इसमें भाग लेना चाहते हैं।
रूस के साथ युद्ध विराम के लिए यूक्रेन पर दबाव बनाने के मद्देनजर फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने यूक्रेन और उसकी सेना को मजबूत करने पर आयोजित शिखर सम्मेलन को समाप्त करने के बाद कहा, ‘‘यह सर्वसम्मति से नहीं हुआ है। इसके लिए हमें सर्वसम्मति की आवश्यकता नहीं है।’’
मैक्रों ने कहा कि इस पहल का नेतृत्व कर रहे फ्रांस और ब्रिटेन कई देशों के साथ मिलकर एक ‘‘आश्वासन बल’’ के साथ आगे बढ़ेंगे।
लगभग 30 देशों के नेताओं तथा उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) और यूरोपीय संघ के प्रमुखों की मेजबानी में इस शिखर सम्मेलन का आयोजन तीन वर्ष से अधिक समय से चल रहे युद्ध के अहम मोड़ पर हुआ है, जब लड़ाई समाप्त करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दबाव के कारण युद्ध विराम कराने के लिए कूटनीतिक प्रयास तेज हो गए हैं।
एक विश्वसनीय निवारक के रूप में कार्य करने के लिए पर्याप्त रूप से बड़ी एक सेना के गठन को लेकर ब्रिटेन के अधिकारियों ने इसमें संभवत: 10,000 से 30,000 सैनिकों के शामिल होने का जिक्र किया है। यह उन देशों के लिए भी एक महत्वपूर्ण प्रयास होगा जिन्होंने शीत युद्ध के बाद अपनी सेनाओं को छोटा कर दिया था लेकिन अब वे फिर से हथियारबंद हो रहे हैं।
इस बात को लेकर भी सवाल उठेंगे कि सेना की कमान कौन संभालेगा और रूस द्वारा किसी शांति समझौते के बड़े उल्लंघन पर यह कैसी प्रतिक्रिया देगा।
मैक्रों के साथ मिलकर यूरोपीय पहल को आगे बढ़ा रहे ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केअर स्टॉर्मर के कार्यालय ने कहा है कि यूरोप और उसके बाहर के सैन्य योजनाकार इस बात पर गहनता से विचार कर रहे हैं कि इस तरह की सेना को कैसे एक साथ रखा जा सकता है, और वे विमान, टैंक, सेना, खुफिया जानकारी और रसद सहित यूरोपीय सैन्य क्षमताओं की पूरी श्रृंखला की समीक्षा कर रहे हैं।
यूरोपीय देशों पर सैन्य खर्च बढ़ाने और अमेरिकी सेना पर निर्भरता कम करने के लिए ट्रंप के लगातार दबाव के मद्देनजर यूरोप के लिए यह परीक्षा का समय है।
एपी धीरज संतोष
संतोष