न्यूकैसल अपॉन टायने (ब्रिटेन), 26 सितंबर (द कन्वरसेशन) इसे आधिकारिक रूप से पहचानने में थोड़ा वक्त लगा लेकिन सूंघने की क्षमता का हृास कोविड-19 के परिभाषित लक्षणों में से एक माना गया।
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अब व्यापक तौर पर यह यह माना गया है कि कोविड-19 का गंध ग्राहियों पर अलग असर पड़ता है और जिन लोगों की सूंघने की क्षमता चली गई थी, उनमें से करीब 10 प्रतिशत छह महीने बाद भी गंध और स्वाद से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
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इसका असर गहरा हो सकता है। हम यह पता करना चाहते हैं कि लंबे वक्त तक गंध और स्वाद से जुड़ी समस्याओं के साथ रहना कैसा होता है और हमने कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद गंध से जुड़ी समस्याओं वाले लोगों के एक ऑनलाइन समूह ‘एब्सेंट’ के साथ काम करके यह किया।
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इस समूह के लोगों से बात करके हम कोविड-19 के बाद सूंघने की क्षमता चले जाने के व्यापक असर की तस्वीर बना पाए। अनुसंधान करने के वक्त 9,000 से अधिक लोग इस समूह में शामिल हुए। हम हर दिन संवेदी परिवर्तन के विनाशकारी असर देख रहे थे।
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लोग चाहते थे कि उनके अनुभव सुने जाएं। अनुसंधान में भाग लेने वाले लोगों की सहमति से हमने उनके जवाबों का विश्लेषण करना शुरू किया। हमने जो पाया, वह यह था।