महाराजा चार्ल्स ने अपने क्रिसमस संदेश में राष्ट्रमंडल सैनिकों को याद किया

महाराजा चार्ल्स ने अपने क्रिसमस संदेश में राष्ट्रमंडल सैनिकों को याद किया

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  • Publish Date - December 26, 2024 / 07:46 PM IST,
    Updated On - December 26, 2024 / 07:46 PM IST

(अदिति खन्ना)

लंदन, 26 दिसंबर (भाषा) ब्रिटेन के महाराजा चार्ल्स तृतीय ने अपने वार्षिक क्रिसमस संदेश में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान राष्ट्रमंडल सैनिकों के बलिदान को याद किया।

चार्ल्स ने बुधवार शाम प्रसारित अपने संबोधन की शुरुआत इस साल ‘डी-डे लैंडिंग’ की 80वीं वर्षगांठ के जिक्र के साथ की। उन्होंने कहा कि “सेवा और निस्वार्थ के ऐसे उदाहरण” पीढ़ियों तक प्रेरित करते रहेंगे।

‘डी-डे लैंडिंग’ के तहत छह जून 1944 को मित्र देशों के सैनिकों ने नाजियों के कब्जे वाले नॉरमैंडी (फ्रांस) पर धावा बोला था। इस अभियान ने द्वितीय विश्व युद्ध में नाजी जर्मनी के खिलाफ मित्र देशों की जीत की नींव रखी थी।

चार्ल्स ने कहा, “साल की शुरुआत में, जब हमने ‘डी-डे’ की 80वीं वर्षगांठ मनाई, तब महारानी कैमिला और मुझे एक बार फिर उस खास पीढ़ी के उल्लेखनीय दिग्गजों से मिलने का सौभाग्य हासिल हुआ, जिन्होंने हम सबकी तरफ से बहुत बहादुरी से खुद को समर्पित कर दिया।”

उन्होंने कहा, “उस दौर में युवा रहे इन महिला और पुरुष सैनिकों से राष्ट्रमंडल के उन सैनिकों के बहादुरी के किस्से सुनकर हम अभिभूत हो गए, जो कभी लौटकर नहीं आए और जिन्होंने युद्ध में अपना सर्वोच्च बलिदान दे दिया। सेवा और निस्वार्थ भावना का उनका उदाहरण पीढ़ियों तक प्रेरणा देता रहेगा।”

लंदन के फिट्जरोविया चैपल में फिल्माए गए इस संबोधन में चार्ल्स ने कैंसर के इलाज के दौरान उनकी और उनकी पुत्रवधू केट मिडिलटन की देखभाल करने वाले चिकित्सकों का आभार जताया।

चार्ल्स ने कहा, “व्यक्तिगत रूप से मैं उन चिकित्सकों और नर्सों का खासतौर पर शुक्रिया अदा करना चाहूंगा, जिन्होंने इस साल बीमारी की अनिश्चितताओं और चिंताओं के बीच मेरा और मेरे परिवार के अन्य सदस्यों का निस्वार्थ भाव से साथ दिया तथा हमें हिम्मत, देखभाल और आराम प्रदान करने में मदद की।”

साल 2006 के बाद इस वर्ष पहली बार ब्रिटिश राजघराने के प्रमुख का क्रिसमस संबोधन किसी शाही आवास के बाहर फिल्माया गया। 2006 में चार्ल्स की मां महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने अपने क्रिसमस संदेश का फिल्मांकन लंदन के साउथवार्क कैथेड्रल में करवाया था।

भाषा पारुल वैभव

वैभव