(तस्वीरों के साथ)
वायनाड/ त्रिशूर (केरल), 13 नवंबर (भाषा) केरल में बुधवार को वायनाड लोकसभा सीट पर उपचुनाव में लगभग 65 फीसदी मतदान दर्ज किया गया, जो अप्रैल में लोकसभा चुनाव के दौरान क्षेत्र में दर्ज मतदान से कम है।
वायनाड से कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा अपनी चुनावी पारी का आगाज कर रही हैं।
लोकसभा चुनाव में प्रियंका के भाई राहुल गांधी ने वायनाड में कांग्रेस के उम्मीदवार थे। उस दौरान क्षेत्र में 74 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था। वहीं, 2019 के लोकसभा चुनाव में जब राहुल पहली बार वायनाड से मैदान में उतरे थे, तब वहां 80 प्रतिशत से ज्यादा मतदान दर्ज किया गया था।
वायनाड में लोकसभा उपचुनाव के लिए सुबह तेजी से मतदान हुआ और शुरुआती आठ घंटों में वहां 50 फीसदी से अधिक लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।
निर्वाचन आयोग की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, शाम छह बजे तक क्षेत्र में 64.69 फीसदी मतदान दर्ज किया गया।
आयोग के अनुसार, यह आंकड़ा अंतिम नहीं है, क्योंकि मतदान केंद्रों के बाहर अब भी मतदाताओं की कतारें लगी हुई हैं।
कांग्रेस नीत संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) ने वायनाड में कम मतदान से प्रियंका की जीत का अंतर कम होने की आशंकाओं को खारिज किया।
केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता वीडी सतीशन ने कहा कि वायनाड में कम मतदान मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नीत वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के दबदबे वाले क्षेत्रों में मतदाताओं के बीच उत्साह की कमी का नतीजा है।
वहीं, एलडीएफ और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने यूडीएफ के दावे को खारिज किया और कहा कि मतदान प्रतिशत में कमी कांग्रेस और उसके सहयोगियों के दबदबे वाले क्षेत्रों में लोगों के वोड डालने के आगे नहीं आने का परिणाम है।
दूसरी ओर, त्रिशूर जिले की चेलक्करा विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में 72.54 फीसदी मतदान दर्ज किया गया।
दोनों सीटों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शांतिपूर्ण ढंग से मतदान हुआ। कुछ मतदान केंद्रों से ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) में खराबी की शिकायतें जरूर आईं, लेकिन निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने तत्काल उनका निस्तारण कराया।
वायनाड में इस साल जुलाई में भीषण भूस्खलन की घटनाओं से प्रभावित लोगों के लिए स्थापित मतदान केंद्रों पर भावुक नजारा देखने को मिला। मतदाता आपदा के कई महीनों बाद अपने पड़ोसियों और करीबी दोस्तों को देखकर भावुक हो गए।
भूस्खलन से प्रभावित लोगों को उन शिविरों से मतदान केंद्रों तक पहुंचाने के लिए विशेष मुफ्त वाहन सेवा उपलब्ध कराई गई, जहां वे अस्थायी रूप से रह रहे हैं।
लोग वायनाड में 1,354 मतदान केंद्रों पर अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने के लिए सुबह से ही पहुंचने लगे। निर्वाचन आयोग के अनुसार, इस क्षेत्र में 14 लाख से अधिक मतदाता पंजीकृत हैं।
वायनाड लोकसभा क्षेत्र के तहत सात विधानसभा सीटें आती हैं, जिनमें वायनाड जिले की मनंतावाडी (सुरक्षित), सुल्तान बथेरी (सुरक्षित) और कलपेट्टा, कोझिकोड जिले की तिरुवमबाडी तथा मलप्पुरम जिले की ईरानद, निलांबुर और वंडूर सीट शामिल हैं।
लोकसभा चुनावों में रायबरेली से जीत के बाद राहुल गांधी के वायनाड सीट खाली करने के कारण इस सीट पर उपचुनाव कराया गया।
वायनाड लोकसभा उपचुनाव में कुल 16 उम्मीदवारों ने किस्मत आजमाई। यूडीएफ उम्मीदवार प्रियंका गांधी को एलडीएफ प्रत्याशी सत्यन मोकेरी और राजग उम्मीदवार नव्या हरिदास ने चुनौती दी।
चेलक्करा विधानसभा सीट पर भी लोग उपचुनाव में वोट डालने के लिए सुबह-सुबह मतदान केंद्रों पर उमड़ने लगे। इस निर्वाचन क्षेत्र में 177 मतदान केंद्र बनाए गए थे।
चेलक्करा में एलडीएफ नेता के राधाकृष्णन के अलाथुर से लोकसभा के लिए सांसद चुने जाने के बाद उपचुनाव कराना पड़ा। इस सीट पर कुल छह उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा।
चेलक्कारा में यूडीएफ उम्मीदवार राम्या हरिदास, यूडीएफ प्रत्याशी यूआर प्रदीप और राजग के टिकट पर चुनाव लड़ रहे के बालकृष्णन के बीच कड़ा मुकाबला माना जा रहा है।
भाषा पारुल माधव
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