कृत्रिम बुद्धिमत्ता से जुड़ी खोज के लिए जॉन होपफील्ड और ज्यॉफ्री हिंटन को भौतिकी का नोबेल पुरस्कार

कृत्रिम बुद्धिमत्ता से जुड़ी खोज के लिए जॉन होपफील्ड और ज्यॉफ्री हिंटन को भौतिकी का नोबेल पुरस्कार

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  • Publish Date - October 8, 2024 / 06:11 PM IST,
    Updated On - October 8, 2024 / 06:11 PM IST

स्टॉकहोम, आठ अक्टूबर (एपी) कृत्रिम बुद्धिमत्ता के विशेषज्ञों जॉन हॉपफील्ड और ज्योफ्री हिंटन को मशीन लर्निंग को सक्षम बनाने वाली खोजों के लिए भौतिकी के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। मंगलवार को उनके नाम की घोषणा की गई।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के ‘गॉडफादर’ कहे जाने वाले हिंटन कनाडा और ब्रिटेन के नागरिक हैं और यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो में काम करते हैं। होपफील्ड अमेरिकी हैं और प्रिंसटन यूनिवर्सिटी में कार्यरत हैं।

नोबेल समिति ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘‘भौतिकी के लिए इस साल का नोबेल पुरस्कार पाने वाले वैज्ञानिकों ने आज की शक्तिशाली मशीन लर्निंग की बुनियाद समझे जाने वाले तरीके विकसित करने के लिए भौतिकी के साधनों का इस्तेमाल किया।’’

रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेस में नोबेल समिति की सदस्य एलेन मून्स ने कहा कि दोनों वैज्ञानिकों ने “कृत्रिम न्यूरोन के नेटवर्क को डिजाइन करने के लिए सांख्यिकीय भौतिकी की मौलिक अवधारणाओं का उपयोग किया जो सहयोगात्मक स्मृतियों के रूप में कार्य करती हैं और बड़े डेटा सेट में पैटर्न खोजती हैं।”

उन्होंने कहा कि इस तरह के नेटवर्क का इस्तेमाल भौतिकी में आधुनिक अनुसंधान के लिए किया गया है और ये हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा बन गए हैं। इनमें चेहरे की पहचान करना और भाषा अनुवाद जैसे रोजमर्रा के काम शामिल हैं।

हिंटन के मुताबिक उन्होंने गूगल की नौकरी छोड़ दी थी ताकि प्रौद्योगिकी के खतरों के बारे में खुलकर बोल सकें। उन्होंने बृहस्पतिवार को कहा कि वह सम्मान की सूचना पाकर अचरज में पड़ गए।

उन्होंने कहा, ‘‘जब नोबेल समिति ने फोन पर मुझसे संपर्क किया तो मैं चौंक गया। मुझे इस बारे में कोई अनुमान नहीं था।’’

हिंटन ने कहा कि एआई से सभ्यता पर बड़ा असर पड़ेगा, वहीं उत्पादकता और स्वास्थ्य देखभाल में सुधार होंगे।

उन्होंने संवाददाताओं और रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेस के अधिकारियों से बातचीत में कहा, ‘‘इसकी तुलना औद्योगिक क्रांति से की जा सकती है।’’

हिंटन ने कहा, ‘‘लोगों की शारीरिक शक्ति बढ़ाने के बजाय यह बौद्धिक क्षमता बढ़ाएगा। यह कई मायनों में आश्चर्य चकित करने वाला है। लेकिन हमें कुछ संभावित बुरे परिणामों के बारे में चिंता करनी होगी, खासतौर पर इन चीजों के नियंत्रण से बाहर हो रहे खतरों को ध्यान में रखना होगा।’’

नोबेल पुरस्कार में 1.1 करोड़ स्वीडिश क्रोनर (10 लाख अमेरिकी डॉलर) की नकद राशि प्रदान की जाती है। यह धन पुरस्कार के संस्थापक स्वीडिश नागरिक अल्फ्रेड नोबेल की संपत्ति में से दिया जाता है जिनका 1896 में निधन हो गया था।

नोबेल पुरस्कार विजेताओं को नोबेल की पुण्यतिथि 10 दिसंबर पर सम्मानित किया जाएगा।

माइक्रो आरएनए की खोज के लिए अमेरिकी वैज्ञानिकों विक्टर एंब्रोस और गैरी रुवकुन को चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार प्रदान किये जाने की घोषणा सोमवार को की गई।

बुधवार को रसायन विज्ञान और बृहस्पतिवार को साहित्य के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार विजेताओं की घोषणा की जाएगी। शांति के लिए नोबेल पुरस्कार की घोषणा शुक्रवार को और अर्थशास्त्र के लिए यह घोषणा 14 अक्टूबर को की जाएगी।

एपी वैभव नरेश

नरेश