वाशिंगटन, 30 दिसंबर (एपी) अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर की शव यात्रा जॉर्जिया के छोटे से शहर प्लेंस में उनके पैतृक आवास पर समाप्त होगी, जहां मूंगफली के खेत में खेलते-कूदते उनका बचपन बीता था।
पिछले साल कार्टर की पत्नी रोजलिन को भी इसी जगह पर एक भूखंड पर दफनाया गया था। दंपति ने अपने अंतिम संस्कार के लिए इस स्थान को कई वर्षों पहले ही चुन लिया था।
हालांकि, कार्टर के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक निवास के पास पूरे राजकीय सम्मान के साथ दफनाने के लिए ले जाने से पहले कई शोक सभाएं आयोजित की जाएंगी।
अमेरिका में राष्ट्रपति अपने अंतिम संस्कार का स्थान और तरीका खुद निर्धारित करते हैं।
व्हाइट हाउस हिस्टॉरिकल एसोसिएशन के वरिष्ठ इतिहासकार और ‘मोरनिंग द प्रेसिडेंट्स : लॉस एंड लिगेसी इन अमेरिकन कल्चर’ के सह-लेखक मैथ्यू कॉस्टेलो कहते हैं, “अमेरिका के राष्ट्रपति और पूर्व राष्ट्रपति (अपने अंतिम संस्कार का) स्थान एवं तरीका निर्धारित करने की प्रक्रिया में शामिल होते हैं। वे जो निर्णय लेते हैं, उनसे हमें बहुत हद तक पता चलता है कि वे कौन हैं, वे राष्ट्रपति पद को कैसे देखते हैं और अमेरिकी लोगों द्वारा कैसे याद किया जाना चाहते हैं।”
नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित और अमेरिका के 39वें राष्ट्रपति रहे कार्टर का रविवार को 100 साल की उम्र में निधन हो गया था। वह राष्ट्रपति कार्यकाल समाप्त होने के बाद सर्वाधिक 43 साल जीने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति हैं।
कार्टर भारत की यात्रा करने वाले तीसरे अमेरिकी नेता थे। उनकी भारत यात्रा के दौरान उनके सम्मान में हरियाणा के एक गांव का नाम उनके नाम पर कार्टरपुरी रखा गया था।
अमेरिका के ज्यादातर राष्ट्रपतियों को कैपिटल (संसद परिसर) में दफनाया गया है। उनकी याद में आम तौर पर वाशिंगटन नेशनल कैथेड्रल में श्रद्धांजलि सभा आयोजित की जाती है। हालांकि, कार्टर के परिवार के अनुरोध पर उनके अंतिम संस्कार से जुड़ी जानकारियां गोपनीय रखी गई हैं।
एपी पारुल माधव
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