(तस्वीर सहित)
कोलंबो, चार अक्टूबर (भाषा) विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शुक्रवार को श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे से मुलाकात की और पिछले दो साल में द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने में उनके प्रयासों के लिए आभार जताया।
एक दिवसीय यात्रा पर यहां आए जयशंकर, 23 सितंबर को अनुरा कुमार दिसानायके के नेतृत्व वाली नेशनल पीपुल्स पॉवर (एनपीपी) सरकार के सत्ता में आने के बाद श्रीलंका का दौरा करने वाले पहले विदेशी गणमान्य नागरिक हैं।
विक्रमसिंघे श्रीलंका की यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) के नेता हैं, लेकिन उन्होंने 21 सितंबर को राष्ट्रपति चुनाव निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में लड़ा और दिसानायके से हार गए।
जयशंकर ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘आज श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे से मिलकर खुशी हुई।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले दो वर्षों में हमारे संबंधों को आगे बढ़ाने के उनके प्रयासों के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। उन्हें आश्वासन दिया कि भारत श्रीलंका के आर्थिक सुधार और विकास के लिए प्रतिबद्ध रहेगा।’’
साल 2022 में, श्रीलंका में अभूतपूर्व आर्थिक संकट की स्थिति में तत्कालीन राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को महीनों तक चले विरोध प्रदर्शन के बाद इस्तीफा देना पड़ा।
जुलाई 2022 में, विक्रमसिंघे ने शेष अवधि के लिए पदभार संभाला और देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए बिजली तथा ऊर्जा क्षेत्र में कुछ बड़े सुधार किए।
भारत ने तब द्वीपीय राष्ट्र की 51 अरब डॉलर से अधिक विदेशी ऋणों पर ‘डिफॉल्ट’ की घोषणा के बाद उसे गहरे आर्थिक संकट से उबरने में सक्षम बनाने के लिए लगभग चार अरब डॉलर की सहायता दी थी।
श्रीलंका वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से 2.9 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज की चौथी किश्त के लिए बातचीत कर रहा है।
भाषा वैभव धीरज
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