इजराइल ने फलस्तीनी हमलावरों के परिजनों को निर्वासित करने के लिए कानून पारित किया

इजराइल ने फलस्तीनी हमलावरों के परिजनों को निर्वासित करने के लिए कानून पारित किया

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  • Publish Date - November 7, 2024 / 03:20 PM IST,
    Updated On - November 7, 2024 / 03:20 PM IST

यरुशलम, सात नवंबर (एपी) इजराइल की संसद ने बृहस्पतिवार को एक कानून पारित किया, जिसके जरिये फलस्तीनी हमलावरों के परिवार के सदस्यों को युद्ध प्रभावित गाजा पट्टी और अन्य स्थानों पर निर्वासित किया जाएगा।

प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की लिकुड पार्टी के सदस्यों और उनके धुर दक्षिणपंथी सहयोगियों ने इस कानून की पैरोकारी की थी। यह कानून 41 के मुकाबले 61 मतों से पारित किया गया लेकिन इसे अदालत में चुनौती दिये जाने की संभावना है।

यह कानून इजराइल के फलस्तीनी नागरिकों और इजराइली भू-भाग में मिलाये गए पूर्वी यरुशलम के बाशिंदों पर लागू होगा।

उन्हें सात से 20 साल की अवधि के लिए गाजा पट्टी या अन्य स्थानों पर निर्वासित किया जाएगा। इजराइल-हमास युद्ध गाजा में अब भी जारी है जहां हजारों लोग मारे गए हैं और ज्यादातर आबादी आंतरिक रूप से विस्थापित हो गई है।

यह अभी स्पष्ट नहीं है कि यह कब्जे वाले वेस्ट बैंक में लागू होगा या नहीं, जहां इजराइल हमलावरों के पारिवार के घरों को ध्वस्त करने की नीति पर काम कर रहा है। फलस्तीनियों ने हाल के वर्षों में इजराइलियों के खिलाफ चाकू से हमले, गोलीबारी और कार को टक्कर मारने की दर्जनों घटनाओं को अंजाम दिया है।

इजराइल डेमोक्रेसी इंस्टीट्यूट के वरिष्ठ शोधार्थी एवं इजराइली सेना के लिए पूर्व अंतरराष्ट्रीय कानून विशेषज्ञ डॉ एरान शामिर बोरेर ने कहा कि यदि इस कानून को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी जाती है तो निर्वासन से जुड़े पूर्व के इजराइली मामलों के आधार पर इसे निरस्त किये जाने की संभावना है।

इजराइल ने 1967 के पश्चिम एशिया युद्ध में गाजा, पश्चिमी तट और पूर्वी यरुशलम पर कब्जा कर लिया था। ये वह क्षेत्र हैं जिनपर फलस्तीनी अपना अधिपत्य चाहते हैं। इजराइल ने 2005 में गाजा से बस्तियां बसाने वालों और सैनिकों को वापस बुला लिया था, लेकिन 7 अक्टूबर 2023 को हुए हमास के हमले के कारण युद्ध शुरू होने के बाद से उसने इस क्षेत्र के कुछ हिस्सों पर फिर से कब्जा कर लिया है।

इजराइल ने पूर्वी यरुशलम पर कब्जा कर लिया, जिसे ज्यादातर अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने मान्यता नहीं दी। वहां फलस्तीनियों के पास स्थायी निवास है और उन्हें नागरिकता के लिए आवेदन करने की अनुमति है, लेकिन ज्यादातर लोग ऐसा नहीं करना चाहते और जो ऐसा करते हैं, उन्हें कई तरह की बाधाओं का सामना करना पड़ता है।

इजराइल में रहने वाले फलस्तीनी देश की आबादी का लगभग 20 प्रतिशत हिस्सा हैं। उनके पास नागरिकता और वोट देने का अधिकार है, लेकिन उन्हें बड़े पैमाने पर भेदभाव का सामना करना पड़ता है। उनमें से कई लोगों के क्षेत्र में रहने वाले लोगों के साथ घनिष्ठ पारिवारिक संबंध भी हैं और उनमें से अधिकतर लोग फलस्तीनी मुद्दों के प्रति सहानुभूति रखते हैं।

एपी सुभाष मनीषा

मनीषा