रामल्ला (वेस्ट बैंक), 24 अक्टूबर (एपी) इजराइली सेना ने गाजा में जारी युद्ध को कवर करने वाले अंग्रेजी समाचार पत्र ‘अल जजीरा’ के छह पत्रकारों पर फलस्तीनी आतंकवादी होने का बुधवार को आरोप लगाया। हालांकि, ‘अल जजीरा’ ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।
इजराइली सेना ने आरोप लगाया कि ‘अल जजीरा’ के छह पत्रकार फलस्तीन के आतंकवादी समूह से पूर्व में या वर्तमान में जुड़े रहे हैं और वे इसके लिए काम करते थे तथा इसके बदले उन्हें भुगतान भी किया जाता था।
इजराइल ने कथित तौर पर गाजा में मिले दस्तावेजों और अन्य खुफिया जानकारी का हवाला देते हुए ये आरोप लगाए हैं और कहा कि ये सभी फलस्तीनी नागरिक हैं। सेना ने कहा कि ‘अल जजीरा’ के छह पत्रकारों में से चार आतंकवादी संगठन हमास से जुड़े हैं या पूर्व में जुड़े रह चुके हैं तथा दो फलस्तीनी इस्लामिक जिहाद से जुड़े हैं।
‘अल जजीरा’ ने इजराइली सेना के इन आरोपों को खारिज करते हुए इन्हें ‘‘मनगढ़ंत’’ करार दिया और कहा कि ये आरोप समूचे अरब नेटवर्क के प्रति ‘‘दुश्मनी की भावना’’ के तहत लगाए गए हैं।
‘अल जजीरा’ ने कहा कि इजराइली सेना ने पत्रकारों पर इसलिए यह आरोप लगाए हैं ताकि ‘‘गाजा में बचे हुए कुछ पत्रकारों की आवाज को चुप कराया जा सके जिससे दुनिया भर के लोगों से युद्ध की कठोर वास्तविकताओं को छिपाया जा सके।’’
‘एसोसिएटेड प्रेस’ (एपी) इजराइल द्वारा उसके दावों के समर्थन में ऑनलाइन साझा किए गए दस्तावेजों की प्रामाणिकता की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं करता है।
‘अल जजीरा’ का मुख्यालय कतर में स्थित है, जहां हमास के कई वरिष्ठ अधिकारी कार्यरत हैं।
इजराइली सेना ने ‘अल जजीरा’ के पत्रकार अनस अल-शरीफ, होस्साम शबात, इस्माइल अबू उमर और तलाल अरोकी पर हमास से संबंध रखने का आरोप लगाया है। वहीं, अशरफ सराज और अला सलामेह पर इस्लामिक जिहाद से जुड़े होने के आरोप हैं।
इजराइल ने दस्तावेजों और अन्य खुफिया जानकारी का हवाला देते हुए बताया कि इन छह पत्रकारों ने फलस्तीनी आतंकवादी समूह के लिए विभिन्न भूमिकाओं में काम किया है जिसमें ‘स्नाइपर’, सैनिक, लड़ाकू, कप्तान, प्रशिक्षण समन्वयक और दुष्प्रचार फैलाने वाले शामिल हैं।
पत्रकारों की सुरक्षा समिति ने बुधवार को एक बयान जारी कर इजराइल की आलोचना की और कहा कि ‘‘उसने विश्वसनीय सबूत पेश किए बिना बार-बार इसी तरह के अप्रमाणिक दावे किए हैं।’’
एपी प्रीति सुरभि
सुरभि