आईएस: यह समूह अपने खिलाफत के विफल होने के बावजूद अब भी आतंकवाद फैला रहा

आईएस: यह समूह अपने खिलाफत के विफल होने के बावजूद अब भी आतंकवाद फैला रहा

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  • Publish Date - January 12, 2025 / 05:41 PM IST,
    Updated On - January 12, 2025 / 05:41 PM IST

(बुसरा निसा सराक, आतंकवाद अध्ययन में व्याख्याता, पोर्ट्समाउथ विश्वविद्यालय)

पोर्ट्समाउथ (ब्रिटेन), 12 जनवरी (द कन्वरसेशन) नये साल के दिन तड़के तीन बजकर 15 मिनट पर टेक्सास निवासी एक अमेरिकी नागरिक और सेना के भूतपूर्व सैनिक शम्सुद्दीन जब्बार ने न्यू ओर्लियंस के बॉर्बन स्ट्रीट पर एक ट्रक को भीड़ में घुसा दिया, जिसमें 15 लोगों की मौत हो गई थी और कम से कम 35 अन्य घायल हो गये थे।

संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) ने इस हमले को ‘‘आतंकवादी कृत्य’’ बताया था और कहा था कि जब्बार (42) आतंकवादी संगठन ‘इस्लामिक स्टेट’ (आईएस) से प्रभावित था। उसके वाहन के पीछे से समूह का कुख्यात काला झंडा बरामद किया गया था तथा उसने आईएस के प्रति अपने समर्थन की घोषणा करते हुए ऑनलाइन वीडियो पोस्ट किए थे।

हम नहीं जानते कि जब्बार, जो पुलिस कार्रवाई में मारा गया था, वास्तव में आईएस का आतंकवादी था या नहीं। लेकिन उसके हमले का तरीका समूह की ओर से पहले किये गये हमलों जैसा ही था।

वर्ष 2017 में लंदन के वेस्टमिंस्टर ब्रिज पर हुए हमले में नागरिकों को निशाना बनाने के लिए वाहनों का इस्तेमाल किया गया था, साथ ही 2016 में बर्लिन और फ्रांसीसी शहर नीस में भी हमले किये गये थे।

आईएस ने 2014 में तब दुनिया का ध्यान आकर्षित किया था जब उसने इराक और सीरिया के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया था और तथाकथित इस्लामी खिलाफत की घोषणा की थी।

वर्ष 2014 और 2016 के बीच इस समूह ने अपनी गतिविधियों को बढ़ा दिया था और आईएस ने दुनियाभर में भय फैलाया और लगभग 80 देशों के हजारों पुरुषों और महिलाओं को इस समूह में शामिल करने में सफल रहा।

अमेरिकी राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक केंद्र द्वारा “आईएस से संबद्ध” बताये गये दस संगठनों ने इस अवधि के दौरान संयुक्त रूप से 1,000 से अधिक हमले किये थे।

वर्ष 2019 तक कुर्द और इराकी बलों के साथ-साथ अमेरिका के नेतृत्व वाले सैन्य गठबंधन के प्रयासों के कारण आईएस ने अपना सारा क्षेत्र खो दिया था। समूह ने हालांकि पहले ही एक नई संरचना की तैयारी शुरू कर दी थी।

आईएस ने अपने अभियानों को जारी रखने के लिए पुरुषों और महिलाओं को संगठित करने और उन्हें ऑनलाइन तरीके से इस समूह में शामिल करने पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखा है। यह लगभग पूरी तरह से ऑनलाइन सूचना और प्रचार के माध्यम से किया जाता है।

इसका परिणाम पिछले कुछ वर्षों में समूह और उसके सहयोगियों द्वारा कई हमलों के रूप में सामने आया है, जिनमें मार्च 2024 में मॉस्को के क्रोकस सिटी हॉल कॉन्सर्ट स्थल पर हमला भी शामिल है। इस हमले में 145 लोगों की मौत हो गई थी।

खुफिया एजेंसियों ने कई और हमलों को नाकाम कर दिया है। उदाहरण के लिए, अगस्त में ऑस्ट्रिया के विएना में टेलर स्विफ्ट के तीन संगीत कार्यक्रम रद्द कर दिए गए थे, जब अधिकारियों ने उन दो लोगों को गिरफ्तार किया था जो कथित तौर पर हमले की साजिश रच रहे थे।

जब्बार के हमले ने तकनीकी विकास के साथ तालमेल बनाए रखने की क्षमता को प्रदर्शित किया। सुरक्षा कैमरे की फुटेज में जब्बार को हमले से कुछ महीने पहले बोरबन स्ट्रीट क्षेत्र में साइकिल चलाते हुए देखा जा सकता है।

हमले के दिन जब्बार ने इलेक्ट्रिक ट्रक भी चलाया था। इससे वह अधिक से अधिक लोगों को हताहत करने में सफल रहा, क्योंकि इलेक्ट्रिक वाहन गैस से चलने वाले वाहनों से ज्यादा तेज गति से चलते हैं। आतंकवादियों द्वारा उभरती तकनीकों का इस्तेमाल स्पष्ट रूप से कानून प्रवर्तन और खुफिया अधिकारियों के लिए एक बड़ी चुनौती पेश करता है।

विचार करने के लिए एक और महत्वपूर्ण बिंदु अमेरिकी सेना में जब्बार की पृष्ठभूमि है। हाल के वर्षों में आतंकवाद में सैन्य कर्मियों की संलिप्तता एक चिंता का विषय बन गई है। शोध में पाया गया है कि अमेरिका में सैन्य पृष्ठभूमि वाले लोगों से जुड़े आतंकवादी हमलों का अनुपात 2018 में 0.8 प्रतिशत से बढ़कर 2020 में 6.4 प्रतिशत हो गया।

एफबीआई हमले के पीछे के मकसद और जब्बार के आतंकवादी समूहों के साथ संभावित संबंधों के बारे में जानकारी इकट्ठा करना जारी रखे हुए है। लेकिन उनके द्वारा इस्तेमाल की गई तकनीक और उनकी सैन्य पृष्ठभूमि से संबंधित निष्कर्ष उन चुनौतियों को उजागर करते हैं जिनका सामना देशों को आतंकवाद से उत्पन्न खतरे से निपटने और उसे खत्म करने के अपने प्रयासों में आगे बढ़ने में करना पड़ता है।

(द कन्वरसेशन)

देवेंद्र संतोष

संतोष