तेहरान, चार अक्टूबर (एपी) ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने इजराइल पर अपने देश के हालिया मिसाइल हमले की शुक्रवार को सराहना की और कहा कि जरूरत पड़ी तो यह फिर से ऐसा करने के लिए तैयार है। सरकारी टेलीविजन की खबरों में यह जानकारी दी गई।
खामेनेई ने पांच साल में पहली बार, शुक्रवार की नमाज के दौरान नेता के तौर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए मिसाइल हमले को ईरान के सशस्त्र बलों का एक ‘‘शानदार’’ काम करार दिया।
मंगलवार को ईरान ने इजराइल पर कम से कम 180 मिसाइलें दागीं, जो दोनों देशों तथा उनके सहयोगियों के बीच तेजी से बढ़ते हमलों की श्रृंखला में नवीनतम है। इसके साथ ही, पश्चिम एशिया एक क्षेत्रव्यापी युद्ध की कगार पर पहुंच गया है।
इजराइल ने कहा कि उसने कई मिसाइलों को नष्ट कर दिया। वहीं, वाशिंगटन में अधिकारियों ने कहा कि अमेरिकी युद्ध पोतों ने इजराइल की रक्षा में सहायता की।
ईरान ने कहा है कि उसकी ज्यादातर मिसाइलों ने अपने लक्ष्य को भेदा।
खामेनेई (80) ने तेहरान के मुख्य नमाज स्थल मुसल्ला मस्जिद में हजारों लोगों को संबोधित करते हुए, 40 मिनट के अपने भाषण में कहा कि लगभग एक साल पहले 7 अक्टूबर 2023 को दक्षिणी इजराइल पर हमास के नेतृत्व में किया गया हमला फलस्तीनी लोगों की एक वैध कार्रवाई थी।
उन्होंने कहा कि मंगलवार को किया गया मिसाइल हमला अंतरराष्ट्रीय कानून, देश के कानून और इस्लामी मान्यताओं पर आधारित था। उन्होंने अफगानिस्तान से लेकर यमन, और ईरान से लेकर गाजा एवं यमन तक के देशों से दुश्मन के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए तैयार रहने का आग्रह किया। साथ ही ऐसी कार्रवाई करने के दौरान जान गंवाने वाले लोगों की सराहना की।
उन्होंने कहा, ‘‘लेबनान और फलस्तीन में प्रतिरोध करने वाले हमारे लोग, आप बहादुर लड़ाके, वफादार और संयमी हैं…ये शहादतें और जो खून बहा है, उससे आपका दृढ़ संकल्प नहीं डगमगाना चाहिए, बल्कि आपको और अधिक दृढ़ बनाना चाहिए।’’
खामेनेई ने अरब देशों को संबोधित करते हुए अपना आधा भाषण अरबी भाषा में दिया।
खामेनेई शुक्रवार की नमाज में पिछली बार, रिवोल्यूशनरी गार्ड जनरल कासिम सुलेमानी की मौत के बाद उपस्थित हुए थे। सुलेमानी 2020 में बगदाद में अमेरिकी ड्रोन हमले में मारे गए थे।
खामेनेई के भाषण से पहले, एक इजराइली हमले में मारे गए हिज्बुल्ला नेता हसन नसरल्ला की याद में स्मृति कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन और रिवोल्यूशनरी गार्ड के शीर्ष अधिकारियों सहित उच्च पदस्थ ईरानी अधिकारी शामिल हुए।
ईरान, हिज्बुल्ला का मुख्य समर्थक है और उसने हाल के वर्षों में इस समूह को हथियार एवं अरबों अमेरिकी डॉलर दिये हैं।
शुक्रवार को ही, ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची बेरूत पहुंचे। इजराइल और हिज्बुल्ला के बीच जारी लड़ाई पर वहां लेबनानी अधिकारियों के साथ उनके बातचीत करने की उम्मीद है।
प्रवक्ता इस्माइल बागेही ने कहा कि ईरान ने लेबनान को मदद की पहली खेप भेजी है जिसमें 10 टन खाद्य सामग्री और दवाइयां हैं।
(एपी) सुभाष नरेश
नरेश