काबुल, 26 जनवरी (एपी) ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरगची ने रविवार को तालिबान के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की।
तालिबान के नेताओं ने अरगची से वार्ता में साझा सीमा पर तनाव, ईरान में अफगान शरणार्थियों के साथ व्यवहार और जल अधिकारों पर चर्चा की। यह 2017 के बाद से ईरान के विदेश मंत्री की काबुल की पहली यात्रा है।
अफगानिस्तान सरकार के उप प्रवक्ता हमदुल्ला फितरत के एक बयान के अनुसार, विदेश मंत्री अब्बास अरगची ने कहा कि ईरान लगभग 35 लाख अफगान शरणार्थियों की वापसी के लिए प्रतिबद्ध है और उसका अपने पड़ोसी देश की घरेलू राजनीति में हस्तक्षेप करने का कोई इरादा नहीं है।
बयान में कहा गया कि उन्होंने हेलमंद नदी जल संधि के पूर्ण कार्यान्वयन का भी आह्वान किया, जिसमें जल संसाधनों को साझा करने की परिकल्पना की गई है।
अफगानिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री हसन अखुंद ने ईरान से अफगान शरणार्थियों के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि कम समय में बड़े पैमाने पर लोगों को वापस भेजना संभव नहीं है। अखुंद ने यह भी कहा कि ईरान में अफगानों को मौत के घाट उतारने जैसी घटनाओं ने लोगों की भावनाओं को भड़काया है।
इससे पहले, रविवार को ईरान की आधिकारिक समाचार एजेंसी ‘इरना’ ने अरगची के हवाले से कहा कि उन्हें अफगानिस्तान के साथ बेहतर रिश्तों, आर्थिक संबंधों की उम्मीद है।
ईरान ने अफगानिस्तान में तालिबान सरकार को औपचारिक रूप से मान्यता नहीं दी है। हालांकि, ईरान ने अफगानिस्तान के साथ राजनीतिक और आर्थिक संबंध बनाए रखे हैं और उसने तालिबान को ईरान की राजधानी में अफगानिस्तान के दूतावास का प्रबंधन करने की अनुमति दी है।
एपी आशीष नरेश
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