बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शनों के बाद स्थिति शांत, पर इंटरनेट सेवाएं अब भी ठप

बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शनों के बाद स्थिति शांत, पर इंटरनेट सेवाएं अब भी ठप

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  • Publish Date - July 22, 2024 / 08:07 PM IST,
    Updated On - July 22, 2024 / 08:07 PM IST

ढाका, 22 जुलाई (एपी) बांग्लादेश में हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद सरकारी नौकरियों में आरक्षण घटाने के उच्चतम न्यायालय के फैसले से स्थिति शांत होने के बावजूद लगातार पांचवें दिन इंटरनेट सेवाएं ठप रहीं और सरकार ने सोमवार को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया।

देश में कुछ ही दिन पहले, देखते ही गोली मारने के आदेश के साथ कर्फ्यू लगा दिया गया था और सैन्यकर्मी राजधानी ढाका और अन्य क्षेत्रों में गश्त करते देखे गए।

देश में पुलिस और मुख्य रूप से छात्र प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं। प्रदर्शनकारी 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम लड़ने वाले (पूर्व) सैनिकों के रिश्तेदारों के लिए सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं।

कम से कम चार स्थानीय समाचार पत्रों में बताया गया है कि हिंसा में 100 से अधिक लोग मारे गए हैं। अधिकारियों ने हिंसा में हुई मौतों के आधिकारिक आंकड़े अब तक साझा नहीं किए हैं।

बांग्लादेश के उच्चतम न्यायालय ने रविवार के अपने फैसले में कहा कि 93 प्रतिशत सरकारी नौकरियां योग्यता आधारित प्रणाली के आधार पर आवंटित की जाएं, पांच प्रतिशत 1971 में बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में भाग लेने वालों के परिजनों तथा अन्य श्रेणियों के लिए दो प्रतिशत सीटें आरक्षित रखी जाएं।

रविवार रात को कुछ छात्र प्रदर्शनकारियों ने सरकार से इंटरनेट सेवाएं बहाल करने का आग्रह किया। भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के समन्वयक हसनत अब्दुल्ला ने समाचार एजेंसी ‘एसोसिएटेड प्रेस’ को बताया कि जिस पूर्ण बंद के आह्वान को उन्होंने पिछले सप्ताह लागू करने का प्रयास किया था उसे अब वापस ले रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘लेकिन हम ‘डिजिटल कार्रवाई’ को रोकने और इंटरनेट सेवाएं बहाल करने के लिए 48 घंटे का समय दे रहे हैं।’

अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि वे चाहते हैं कि सरकार कर्फ्यू समाप्त करे और यह सुनिश्चित करे कि देश दो दिनों के भीतर सामान्य स्थिति में वापस आ जाए।

जनवरी में हुए आम चुनाव में प्रधानमंत्री शेख हसीना की लगातार चौथी बार जीत के बाद हो रहे इन विरोध प्रदर्शनों ने बांग्लादेश की सरकार के लिए सबसे गंभीर चुनौती पेश की।

इस दौरान विश्वविद्यालयों को बंद करने के साथ इंटरनेट सेवा ठप कर दी गई और सरकार ने लोगों को घर पर रहने का आदेश जारी किया।

प्रदर्शनकारियों ने तर्क दिया कि आरक्षण प्रणाली भेदभावपूर्ण थी और इससे शेख हसीना के समर्थकों को फायदा हुआ।

ढाका स्थित अमेरिकी दूतावास ने रविवार को स्थिति को ‘‘अत्यंत अस्थिर’’ और ‘‘अप्रत्याशित’’ बताया तथा कहा कि दूतावास के आसपास बंदूकें, आंसू गैस और अन्य हथियारों का इस्तेमाल किया गया।

मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी ने विरोध प्रदर्शनों का समर्थन किया है तथा अपने स्वयं के प्रदर्शन आयोजित करने का संकल्प लिया है क्योंकि उसके कई समर्थक छात्र-नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शनों में शामिल हुए हैं।

एपी

सुभाष संतोष

संतोष