अवैध तरीके से पाकिस्तान में घुसी भारतीय महिला, उसके नाबालिग बेटे को बीएसएफ को सौंपा

अवैध तरीके से पाकिस्तान में घुसी भारतीय महिला, उसके नाबालिग बेटे को बीएसएफ को सौंपा

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  • Publish Date - May 30, 2024 / 10:16 PM IST,
    Updated On - May 30, 2024 / 10:16 PM IST

(एम जुलकरनैन)

लाहौर, 30 मई (भाषा) मानव तस्करी की शिकार हुई भारतीय महिला और उसके नाबालिग बेटे को अवैध रूप से पाकिस्तान में प्रवेश करने के लिए एक साल से अधिक की सजा काटने के बाद वाघा सीमा पर भारतीय सुरक्षा बलों को सौंप दिया गया। पाकिस्तान के एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

एक साल से अधिक की सजा पूरी करने के बाद वहीदा बेगम और उनके नाबालिग बेटे फैज खान को बलूचिस्तान प्रांत की राजधानी क्वेटा की जेल से रिहा कर दिया गया और बुधवार को वाघा सीमा पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को सौंप दिया गया।

संघीय सरकार के अधिकारियों के अनुसार असम के नगांव जिले की निवासी वहीदा को पिछले वर्ष उनके बेटे के साथ अफगानिस्तान से चमन सीमा के रास्ते पाकिस्तान में अवैध रूप से प्रवेश करते समय गिरफ्तार किया गया था।

वहीदा ने यहां अधिकारियों को बताया कि उसे एक भारतीय ट्रैवल एजेंट ने धोखा दिया था जिसके कारण वह पाकिस्तान पहुंच गई।

उसने पाकिस्तान में पुलिस को दिए बयान में कहा, ‘‘वर्ष 2022 में मेरे पति की मौत के बाद, मैंने अपने बेटे को कनाडा ले जाने का फैसला किया। इसके लिए अपनी संपत्ति बेच दी और एक भारतीय एजेंट को मोटी रकम भी दी।’’

उसने बताया कि एजेंट पिछले साल उन्हें अपने साथ दुबई ले गया और वहां से फिर अफगानिस्तान ले आया।

उसने दोनों को अफगानिस्तान से कनाडा ले जाने का वादा किया।

महिला ने कहा, ‘‘हालांकि, अफगानिस्तान में उसने मुझसे सारी धनराशि तथा हमारे पासपोर्ट ले लिए और वहां से फरार हो गया।’’

वहीदा ने बताया कि अपने वतन (भारत) जाने के लिए वह और उनका बेटा चमन सीमा के रास्ते पाकिस्तान पहुंचे, जहां उन्हें पाकिस्तानी अधिकारियों ने गिरफ्तार कर लिया।

उन्होंने कहा, ‘‘बाद में हमें राजनयिक पहुंच प्रदान की गयी और हमारी नागरिकता सत्यापित करने की प्रक्रिया में कई महीने लग गए।’’

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में उनके वकील ने भारत में उनकी मां को इस बारे में सूचना दी।

इसके बाद, वहीदा के परिवार ने नयी दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग और इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से संपर्क कर उनकी सुरक्षित वापसी के लिए मदद मांगी।

भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों ने कथित तौर पर इस्लामाबाद में आंतरिक मंत्रालय के समक्ष उनका मसला रखा।

आखिरकार बुधवार को वहीदा और उनके बेटे को सजा पूरी होने पर रिहा कर दिया गया तथा वाघा सीमा पर बीएसएफ को सौंप दिया गया।

इनके अलावा, दो अन्य भारतीय नागरिक शब्बीर अहमद और सूरज पाल को भी बुधवार को बीएसएफ को सौंपा गया।

अहमद को कराची की मलेर जेल से रिहा किया गया, जबकि पाल को लाहौर की कोट लखपत जेल से उनकी सजा पूरी होने के बाद रिहा किया गया।

भाषा

खारी पवनेश

पवनेश