यरुशलम, एक अक्टूबर (भाषा) ‘लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल’ (यूएनआईएफआईएल) में शामिल भारतीय दल क्षेत्र में बढ़ते तनाव के बीच पड़ोसी देश लेबनान में प्रवेश करने के इजराइल के फैसले के मद्देनजर वहीं रहेगा और अपने कर्तव्यों का पालन करेगा।
दक्षिण लेबनान में ‘यूएनआईएफआईएल’ के एक सूत्र ने मंगलवार को फोन पर ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘नौ सौ से अधिक लोगों की (भारतीय) बटालियन अपनी तैनाती वाली स्थिति पर कायम है और सभी (सैनिक) सुरक्षित हैं।’’
इजराइल रक्षा बलों (आईडीएफ) ने मंगलवार तड़के कहा कि उसने कई घंटे पहले दक्षिण लेबनान में ‘लक्षित और सीमित’ घुसपैठ की थी, जिसमें सीमा पर कई लेबनानी गांवों में हिजबुल्ला के ठिकानों और बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया गया था, जो ‘ब्लू लाइन’ (विभाजन रेखा) के दूसरी तरफ स्थित इजराइली शहरों के लिए खतरा हैं।
आईडीएफ ने कहा कि दक्षिणी लेबनान के अंदर काम कर रहे जमीनी सैनिकों को हवाई और तोपखाना बलों द्वारा सहायता प्रदान की जा रही है।
माना जाता है कि इजराइल का अभियान यूएनएससी संकल्प 1701 के अनुरूप हिजबुल्ला को उत्तर की ओर धकेलने के उद्देश्य से है, जिसके लिए लिटानी नदी के दक्षिण में एकमात्र सशस्त्र बल के तौर पर लेबनानी सेना और संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिक तैनात रह सकते हैं।
यूएनआईएफआईएल में लगभग 10,500 शांति सैनिक हैं, जो भारत सहित करीब 50 देशों के हैं।
भाषा वैभव सुरेश
सुरेश
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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)