भारतीय मूल के सामाजिक कार्यकर्ता की गांधीजी के समकालीन ‘कम्यून’ को बहाल करने को लेकर तारीफ

भारतीय मूल के सामाजिक कार्यकर्ता की गांधीजी के समकालीन ‘कम्यून’ को बहाल करने को लेकर तारीफ

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  • Publish Date - January 31, 2025 / 05:18 PM IST,
    Updated On - January 31, 2025 / 05:18 PM IST

(फकीर हसन)

जोहानिसबर्ग, 31 जनवरी (भाषा) गांधीजी की 77वीं पुण्यतिथि पर बृहस्पतिवार को यहां स्मणरणोत्सव समारोह का नेतृत्व करने वाले भारतीय मूल के कार्यकर्ता मोहन हीरा की दक्षिण अफ्रीका में गांधीजी के तत्कालीन कम्यून ‘टॉलस्टॉय फार्म’ को पुनर्स्थापित करने के प्रयासों को लेकर सराहना की गई।

प्रतिष्ठित प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार से सम्मानित हीरा ने याद किया कि कैसे चार दशक से भी अधिक समय पहले, उन्हें यह देखकर बहुत दुख हुआ था कि ‘टॉल्स्टॉय फार्म’ में गांधीजी के लोहे और लकड़ी के आवास एवं अन्य इमारतों को पूरी तरह से तोड़ दिया गया है तथा उस क्षेत्र में ऊंची-ऊंची घास उग आयीं।

यहां भारतीय वाणिज्य दूतावास का प्रतिनिधित्व कर रहे सुमिति राव ने कहा, ‘‘ टॉलस्टॉय फार्म के बारे में चर्चा मोहन भाई और उनके योगदान का जिक्र किए बिना नहीं हो सकती। उन्होंने (हीरा ने) टॉलस्टॉय फार्म में महात्मा गांधी और उनके काम की याद को जिंदा रखने के लिए अपने निजी प्रयास, पसीना, मेहनत और समर्पण का परिचय दिया है।’’

पहली बार इस स्थान का दौरा कर रहे राव ने कहा, ‘‘टॉल्स्टॉय फार्म आने वाले किसी भी भारतीय के लिए यह तीर्थयात्रा से कम नहीं है, इसलिए यहां आना सौभाग्य की बात है।’’

हीरा ने कहा, ‘‘कई व्यक्तियों के सहयोग से, हमने महात्मा गांधी रिमेम्ब्रेरेंस ओर्गनाइजेश (एमजीआरओ) का गठन किया और इसके पूर्व गौरव को बहाल करने के लिए लंबे समय तक काम किया।’’

हीरा को (भारत के) राष्ट्रपति से 2023 में प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार मिला था।

हीरा ने ‘टॉल्स्टॉय फार्म’ में स्थापित करने के लिए भारत में ही गांधी और नेल्सन मंडेला की आवक्ष प्रतिमाएं और प्रतिमाएं बनवाने की व्यवस्था की। उन्होंने सब्जी के बागान और फलों के पेड़ लगवाए जो एक समय टॉल्स्टॉय फार्म पर गांधी और उनके अनुयायियों के लिए एक फलफूल रहे थे, जब वे उस समय के भेदभावपूर्ण कानूनों के खिलाफ लड़ रहे थे।

भाषा राजकुमार रंजन

रंजन

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