पश्चिमी तट पर बढ़ते तनाव के बीच भारतीय मूल के इजराइली सैनिक की वाहन से किए गए हमले में मौत

पश्चिमी तट पर बढ़ते तनाव के बीच भारतीय मूल के इजराइली सैनिक की वाहन से किए गए हमले में मौत

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  • Publish Date - September 12, 2024 / 03:58 PM IST,
    Updated On - September 12, 2024 / 03:58 PM IST

यरूशलम, 12 सितंबर (भाषा) भारतीय मूल के इजराइली सैनिक की पश्चिमी तट पर बेत एल बस्ती के निकट वाहन से टक्कर मारकर किये गये हमले में मौत हो गई। यह सैनिक बेनी मेनाशे समुदाय का था। समुदाय के लोगों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

इजराइली सेना ने कहा कि स्टाफ सार्जेंट गेरी गिदोन हंघल (24)केफिर ब्रिगेड की नहशोन बटालियन में सैनिक थे। वह नोफ हागालिल के निवासी थे।

समुदाय के सदस्यों ने ‘पीटीआई’ को बताया कि बुधवार को आसफ जंक्शन के निकट हुई ‘युवक की मृत्यु की खबर से वो सदमे में हैं।’

घटनास्थल से मिले सीसीटीवी फुटेज में देखा जा सकता है कि फलस्तीनी लाइसेंस प्लेट वाला एक ट्रक रुकने से पहले व्यस्त राजमार्ग पर तीव्र गति से एक बस पड़ाव के पास स्थित इजराइली रक्षा बल (आईडीएफ) की चौकी से टकराता है।

इजराइली सुरक्षा सूत्रों ने संदिग्ध का नाम 58 वर्षीय हायिल धाइफल्लाह बताया है, जो मध्य पश्चिमी तट के शहर रफत का निवासी है।

उन्होंने बताया कि सार्जेंट हंघल का अंतिम संस्कार बृहस्पतिवार को किया जाएगा।

हंघल 2020 में भारत के पूर्वोत्तर भाग से इजराइल में आकर बस गए थे।

बताया जाता है कि वर्तमान युद्ध के दौरान बेनी मेनाशे समुदाय के करीब 300 युवा सैन्य ड्यूटी कर रहे हैं और इनमें से अधिकांश लड़ाकू इकाइयों में कार्यरत हैं।

ऐसा माना जाता है कि भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों मणिपुर और मिजोरम से आए बेनी मेनाशे, इजराइली जनजाति मेनासेह के वंशज हैं।

यह हमला पश्चिमी तट से शुरू हुए आत्मघाती बम विस्फोटों और गोलीबारी की लगातार घटनाओं के बाद हुआ है। इस्लामिक हमास ने इसकी जिम्मेदारी ली है।

पिछले वर्ष सात अक्टूबर को हमास ने इजराइल पर हमला किया जिसके बाद गाजा में युद्ध शुरू हुआ और यह अबतक जारी है।

भाषा

शुभम पवनेश

पवनेश