Pannu Murder Case: भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता को कोर्ट में किया गया पेश, खालिस्तानी समर्थक पन्नू की हत्या से जुड़ा है मामला

Pannu Murder Case: खालिस्तानी नेता पन्नू की हत्या की साजिश में शामिल होने के आरोपी भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता को संघीय कोर्ट में पेश किया गया

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  • Publish Date - June 18, 2024 / 08:43 AM IST,
    Updated On - June 18, 2024 / 08:44 AM IST

नई दिल्ली : Pannu Murder Case: अमेरिका में खालिस्तानी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश में शामिल होने के आरोपी भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता को संघीय कोर्ट में पेश किया गया। यहां निखिल गुप्ता ने साजिश में शामिल होने से इनकार किया। दक्षिणी न्यूयॉर्क के संघीय अदालत में मजिस्ट्रेट न्यायाधीश जेम्स कॉट ने 28 जून को होने वाली सुनवाई तक उन्हें हिरासत में रखने का आदेश दिया। गुप्ता के वकील जेफरी चैब्रो ने जमानत के लिए आवेदन नहीं किया।

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निर्णय के लिए नहीं करनी चाहिए जल्दबाजी

Pannu Murder Case:  अदालत कक्ष के बाहर, चैब्रो ने कहा कि, यह भारत और अमेरिका के लिए एक “जटिल मामला” है और निर्णय के लिए जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। उन्होंने मजिस्ट्रेट को यह भी बताया कि गुप्ता शाकाहारी हैं। इसलिए उन्हें जेल में शाकाहारी खाना उपलब्ध कराया जाना चाहिए। अभियोजन पक्ष ने गुप्ता पर खालिस्तानी नेता की हत्या के लिए एक व्यक्ति को सुपारी देने की साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया है।

गुप्ता पर भारत सरकार द्वारा आतंकवादी घोषित खालिस्तान के लिए अभियान चलाने वाले गुरपतवंत सिंह पन्नून को मारने की साजिश रचने का आरोप है। चेक गणराज्य से प्रत्यर्पण के बाद गुप्ता को ब्रुकलिन में एक जेल में रखा गया है 52 वर्षीय गुप्ता को पिछले साल 30 जून को चेक गणराज्य में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद अमेरिका ने उनके प्रत्यर्पण की मांग की थी।

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निखिल को अमेरिका भेजे जाने का रास्ता हुआ साफ

Pannu Murder Case:  इस साल की शुरुआत में चेक संवैधानिक न्यायालय में उनके प्रत्यर्पण के खिलाफ उनकी अपील के कारण उनका प्रत्यर्पण रुका हुआ था। पिछले महीने उनकी अपील खारिज होने पर उन्हें अमेरिका भेजे जाने का रास्ता साफ हो गया। जनवरी में न्यूयॉर्क की अदालत में एक याचिका दाखिल कर निखिल गुप्ता के वकील ने कहा था कि उन्हें “प्राग में हिरासत में रहने के दौरान बुनियादी मानवाधिकारों से वंचित रखा गया। वकील ने जनवरी में अदालत से अनुरोध किया था कि, अभियोजन पक्ष को मामले के बारे में बचाव पक्ष को अधिक जानकारी प्रदान करने का आदेश दिया जाए, ताकि वह गुप्ता का बचाव किया जा सके।

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