(योषिता सिंह)
संयुक्त राष्ट्र, 12 दिसंबर (भाषा) भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के उस प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया है जिसमें गाजा में तत्काल, बिना शर्त और स्थायी युद्ध विराम की मांग की गई तथा सभी बंधकों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई पर जोर दिया गया है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने गाजा में तत्काल संघर्ष विराम की मांग वाले प्रस्तावों को भारी बहुमत से मंजूरी दी तथा फलस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसी का समर्थन किया।
इंडोनेशिया की ओर से ‘‘गाजा में संघर्ष’’ विषयक मसौदा प्रस्ताव 193 सदस्यीय महासभा में बुधवार को पेश किया गया जिस पर मतदान हुआ।
भारत उन 158 देशों में शामिल रहा जिन्होंने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जबकि इजराइल और अमेरिका समेत नौ देशों ने इसके खिलाफ मतदान किया। अल्बानिया और यूक्रेन समेत 13 देशों ने मतदान प्रक्रिया से दूरी बनाए रखी।
प्रस्ताव में “तत्काल, बिना शर्त और स्थायी युद्ध विराम की मांग की गई और सभी बंधकों की तत्काल तथा बिना शर्त रिहाई की मांग दोहराई गई।’’
इसमें मांग की गई कि सभी पक्ष सुरक्षा परिषद के जून 2024 के प्रस्ताव के सभी प्रावधानों को पूरी तरह, बिना शर्त और बिना देरी के लागू करें। इन प्रावधानों में ‘‘तत्काल संघर्ष विराम, बंधकों की रिहाई, फलस्तीनी कैदियों की अदला-बदली, मारे गए बंधकों के अवशेषों की वापसी, उत्तरी क्षेत्र सहित गाजा के सभी क्षेत्रों में फलस्तीनी नागरिकों की उनके घरों और इलाकों में वापसी और गाजा से इजराइली सैना की पूरी तरह वापसी’’ शामिल हैं।
प्रस्ताव में गाजा पट्टी में लोगों के लिए बुनियादी सेवाओं और मानवीय सहायता तक तत्काल पहुंच प्रदान करने की भी मांग की गई है।
भाषा खारी अविनाश
अविनाश