(मानस प्रतिम भुइयां)
वाशिंगटन, छह नवंबर (भाषा) अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद रणनीतिक मामलों के विशेषज्ञों ने कहा कि ट्रंप प्रशासन के तहत भारत और अमेरिका के संबंध और मजबूत होंगे, लेकिन आयात होने वाली वस्तुओं पर शुल्क लगाने जैसे कुछ मुद्दों पर असहजता की स्थिति हो सकती है।
विशेषज्ञों ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच कठिन मुद्दों को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझा लिए जाने की संभावना है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ट्रंप के बीच बहुत अच्छी दोस्ती है।
ट्रंप ने अपने चुनाव प्रचार अभियान में विदेशी वस्तुओं, खासकर से चीन से आयात होने वाली वस्तुओं पर अधिक ‘शुल्क’ लगाने का प्रस्ताव रखा था तथा अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे अन्य देशों के लोगों को वापस उनके देश भेजने के लिए एक अभियान शुरू करने का वादा किया था।
यह स्पष्ट होने के कुछ ही समय बाद कि ट्रंप अमेरिका के अगले राष्ट्रपति होंगे तो वरिष्ठ नेता एवं संचार मामलों के रणनीतिकार अनंग मित्तल ने कहा कि रिपब्लिकन पार्टी के प्रमुख नेताओं का मानना है कि 21 सदी को आकार देने में भारत-अमेरिका संबंधों की ‘‘महत्वपूर्ण’’ भूमिका होगी।
चुनाव से एक दिन पहले, ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के अमेरिका चैप्टर के कार्यकारी निदेशक ध्रुव जयशंकर ने कहा कि नयी दिल्ली को ट्रंप प्रशासन के साथ व्यापार और आव्रजन के मुद्दों पर चर्चा करनी पड़ सकती है।
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘जहां तक ट्रंप का सवाल है, मुझे लगता है कि व्यापार और आव्रजन के मुद्दे पर कुछ कठिन वार्ताएं होंगी, हालांकि कई अन्य मुद्दों पर उन्होंने भारत और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ बहुत सकारात्मक संबंधों की बात कही है।’’
मित्तल ने कहा कि ट्रंप प्रधानमंत्री मोदी के साथ अपने व्यक्तिगत संबंधों के माध्यम से भारत-अमेरिका संबंधों को आगे बढ़ाएंगे और व्यापार, रक्षा और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर द्विपक्षीय समझौतों की कोशिश करेंगे।
भाषा प्रीति अमित
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