भारत सीओपी29 में जवाबदेही, निष्पक्ष वित्तपोषण और हरित ऋण पर देगा जोर : प्रतिनिधि

भारत सीओपी29 में जवाबदेही, निष्पक्ष वित्तपोषण और हरित ऋण पर देगा जोर : प्रतिनिधि

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  • Publish Date - November 11, 2024 / 07:04 PM IST,
    Updated On - November 11, 2024 / 07:04 PM IST

(उज्मी अतहर)

बाकू, 11 नवंबर (भाषा)जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र की वार्षिक बैठक सीओपी29 सोमवार को शुरू हुई और भारत की ओर से शामिल हो रहे कई प्रतिनिधियों ने कहा कि इसमें देश का दृष्टिकोण जवाबदेही, हरित ऋण, निष्पक्ष वित्तपोषण और विकासशील अर्थव्यवस्था के लिए प्रोत्साहन लक्ष्यों पर केंद्रित है।

क्लाइमेट चेंज कांफ्रेंस ऑफ पार्टीज (सीओपी) का 29वां सत्र 11-22 नवंबर तक अजरबैजान की राजधानी बाकू में आयोजित किया जा रहा है।

एक प्रतिनिधि ने बताया कि सम्मेलन में उपस्थिति और पैमाने की दृष्टि से भारत की अहम प्राथमिकताओं में जलवायु वित्त के लिए विकसित देशों को जवाबदेह बनाना, कमजोर समुदायों के लिए लचीलापन बढ़ाना और एक समान ऊर्जा परिवर्तन को आगे बढ़ाना शामिल होगा।

एक अन्य प्रतिनिधि ने कहा कि भारत की प्राथमिकता का एक अन्य क्षेत्र स्थिरता के लिए हरित ऋण और लाइफ (पर्यावरण के लिए जीवनशैली) दर्शन को बढ़ावा देना होगा।

प्रतिनिधिमंडल के एक सदस्य ने कहा कि भारत की सीओपी29 रणनीति से जलवायु प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में अंतर पर विकसित देशों को चुनौती मिलने तथा अधिक पारदर्शी, विश्वसनीय जलवायु वित्त की दिशा में बातचीत को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

पिछले सम्मेलनों से इतर, भारत सीओपी में किसी चर्चा की मेजबानी नहीं करेगा।

भारत का यह निर्णय ऐसे समय आया है जब वह अपनी बढ़ती ऊर्जा मांग और आर्थिक विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक विकासशील राष्ट्र के रूप में अपनी भूमिका के बीच संतुलन बनाने की कोशिश कर रहा है, खासकर तब जब दुनिया उत्सर्जन कम करने में नेतृत्व के लिए उभरती अर्थव्यवस्थाओं की ओर देख रही है।

यहां सीओपी29 के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन कार्यकारी सचिव साइमन स्टील ने इस समस्या को लेकर वैश्विक नेताओं का आह्वान किया और जलवायु परिवर्तन पर समन्वित कार्रवाई की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया।

स्टील ने अपने संबोधन में रेखांकित किया कि धीमी प्रगति के बावजूद, सीओपी वैश्विक स्तर पर बढ़ते जलवायु संकट से निपटने के लिए एकमात्र मंच बना हुआ है। उन्होंने इन वार्ताओं की संवेदनशील प्रकृति को रेखांकित करते हुए कहा, ‘‘जलवायु परिवर्तन पर यूनाइटेड नेशन फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूएनएफसीसीसी) प्रक्रिया ही एकमात्र ऐसा माध्यम है, जिसके माध्यम से हम व्यापक जलवायु संकट से निपट सकते हैं, तथा इस पर कार्रवाई करने के लिए एक-दूसरे को विश्वसनीय ढंग से जवाबदेह बना सकते हैं।’’

भारत का सीओपी29 में प्रतिनिधित्व कर रहे प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह करेंगे जबकि सचिव लीना नंदन प्रतिनिधिमंडल की उपनेता होंगी। अतिरिक्त सचिव नरेश पाल गंगवार मुख्य वार्ताकार होंगे, तथा संयुक्त सचिव नीलेश साह उप मुख्य वार्ताकार होंगे।

पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव इस सम्मेलन में हिस्सा नहीं ले रहे हैं।

भाषा धीरज माधव

माधव

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