यूक्रेन संघर्ष समाप्त करने के लिये भारत हर संभव सहयोग देने को तैयार: प्रधानमंत्री मोदी

यूक्रेन संघर्ष समाप्त करने के लिये भारत हर संभव सहयोग देने को तैयार: प्रधानमंत्री मोदी

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  • Publish Date - October 22, 2024 / 07:46 PM IST,
    Updated On - October 22, 2024 / 07:46 PM IST

(फोटो के साथ)

कजान (रूस), 22 अक्टूबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बातचीत के दौरान कहा कि रूस-यूक्रेन संघर्ष को शांतिपूर्ण तरीके से हल किया जाना चाहिए और भारत इसके लिए हर संभव सहयोग देने को तैयार है।

मोदी ने 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए रूस के कजान शहर में पहुंचने के कुछ घंटों बाद पुतिन के साथ द्विपक्षीय वार्ता की।

प्रधानमंत्री मोदी ने टेलीविजन पर प्रसारित अपनी शुरुआती टिप्पणी में पुतिन से कहा कि भारत क्षेत्र में शांति और स्थिरता की शीघ्र बहाली का ‘‘पूर्ण समर्थन’’ करता है।

मोदी ने यह भी कहा कि पिछले तीन महीनों में रूस की उनकी दूसरी यात्रा दोनों देशों के बीच ‘‘घनिष्ठ’’ तालमेल और गहरे विश्वास को दर्शाती है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हम रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष के मुद्दे पर लगातार संपर्क में हैं। जैसा कि मैंने पहले कहा, हमारा मानना ​​है कि समस्याओं का समाधान शांतिपूर्ण तरीके से किया जाना चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम शांति और स्थिरता की जल्द बहाली का पूर्ण समर्थन करते हैं। हमारे सभी प्रयास मानवता को प्राथमिकता देते हैं। भारत आने वाले समय में हर संभव सहयोग देने के लिए तैयार है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमारे पास इन सभी मुद्दों पर चर्चा करने का अवसर है।’’

पुतिन ने रूस और भारत के बीच व्यापार की ‘‘अच्छी स्थिति’’ का उल्लेख किया।

अपने संबोधन में मोदी ने जुलाई में मॉस्को में पुतिन के साथ अपनी शिखर वार्ता का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे वार्षिक शिखर सम्मेलन के परिणामस्वरूप हर क्षेत्र में सहयोग मजबूत हुआ है।’’

प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिक्स की सफल अध्यक्षता के लिए रूसी राष्ट्रपति पुतिन को बधाई देते हुए कहा कि कई देश अब इस समूह में शामिल होना चाहते हैं।

मोदी ने कहा, ‘‘ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए कजान जैसे खूबसूरत शहर में आने का अवसर मिलना मेरे लिए बहुत खुशी की बात है। इस शहर के साथ भारत के गहरे और ऐतिहासिक संबंध हैं।’’ उन्होंने कहा कि कजान में भारत के नए वाणिज्य दूतावास के खुलने से ये संबंध और मजबूत होंगे।

समझा जाता है कि बैठक में यूक्रेन विवाद पर प्रमुखता से चर्चा हुई।

मॉस्को में नौ जुलाई को शिखर वार्ता में मोदी ने पुतिन से कहा कि यूक्रेन विवाद का समाधान युद्ध के मैदान में संभव नहीं है तथा बम और गोलियों के बीच शांति प्रयास सफल नहीं होते। कुछ सप्ताह बाद प्रधानमंत्री यूक्रेन गए थे।

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ अपनी बातचीत में मोदी ने कहा था कि यूक्रेन और रूस को बिना समय बर्बाद किए युद्ध को समाप्त करने के लिए बैठकर बातचीत करनी चाहिए तथा भारत क्षेत्र में शांति बहाल करने के लिए ‘‘सक्रिय भूमिका’’ निभाने को तैयार है। भारत यह कहता रहा है कि यूक्रेन और रूस के बीच संघर्ष को बातचीत और कूटनीति के माध्यम से हल किया जाना चाहिए।

भाषा आशीष दिलीप

दिलीप